PNB को ₹2434 करोड़ का चूना: SREI कंपनियों के लोन डिफॉल्ट पर बैंक ने जारी किया बड़ा अपडेट

PNB को ₹2434 करोड़ का चूना: SREI कंपनियों के लोन डिफॉल्ट पर बैंक ने जारी किया बड़ा अपडेट

बैंकिंग सेक्टर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई अपनी हालिया जानकारी में SREI ग्रुप की दो प्रमुख कंपनियों—SREI Infrastructure Finance Limited (SIFL) और SREI Equipment Finance Limited (SEFL)—से जुड़े बड़े लोन फ्रॉड का खुलासा किया है। बैंक के मुताबिक, इन कंपनियों द्वारा किए गए डिफॉल्ट और धोखाधड़ी की कुल राशि ₹2434 करोड़ से अधिक आंकी गई है।

धोखाधड़ी का पूरा मामला

PNB ने खुलासा किया है कि SREI ग्रुप की इन कंपनियों ने विभिन्न बैंकिंग सुविधाओं का दुरुपयोग किया और ऋण राशि को उन उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जिसके लिए उन्हें लिया गया था। जांच में पाया गया कि फंड को डायवर्ट करने के लिए शेल कंपनियों और जटिल लेन-देन के जाल का उपयोग किया गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मानदंडों के अनुसार, बैंक ने इन खातों को पहले ही ‘एनपीए’ (NPA) घोषित कर दिया था, लेकिन अब इन्हें आधिकारिक तौर पर ‘फ्रॉड’ श्रेणी में डाल दिया गया है।

RBI और स्टॉक एक्सचेंज की भूमिका

SREI ग्रुप की वित्तीय स्थिति बिगड़ने के बाद, RBI ने अक्टूबर 2021 में इन कंपनियों के बोर्ड को भंग कर दिया था और इन्हें इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत समाधान प्रक्रिया के लिए भेजा था। PNB ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में स्पष्ट किया है कि उन्होंने इन खातों के विरुद्ध आवश्यक प्रावधान (Provisions) पहले ही कर लिए हैं, ताकि बैंक की बैलेंस शीट पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

वसूली और कानूनी कार्रवाई

फिलहाल, इन कंपनियों की समाधान योजना (Resolution Plan) प्रक्रिया में है। PNB और अन्य ऋणदाता बैंक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के माध्यम से अपनी बकाया राशि वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही, जांच एजेंसियां जैसे कि ED और CBI भी इस मामले में धन के दुरुपयोग और आपराधिक साजिश के कोण से जांच कर रही हैं। यह मामला बैंकिंग जगत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस की विफलता और बड़े ऋणों की निगरानी पर एक बार फिर सवाल खड़ा करता है।

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