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छत्तीसगढ़ विधानसभा में भारतमाला परियोजना घोटाले पर बवाल, CBI जांच की मांग पर गरमाई सियासत

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी का आरोप लगाकर CBI जांच की मांग की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर पलटवार किया। विपक्ष ने नारेबाजी कर सदन से वॉकआउट किया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए CBI जांच की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पलटवार करते हुए कहा कि “यह वही कांग्रेस है जिसने अपने कार्यकाल में CBI को बैन किया था, लेकिन अब उन्हें CBI पर भरोसा हो गया है।”

विधानसभा में गूंजा भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी का मुद्दा

प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने 32 प्लॉटों को 247 टुकड़ों में बांटने को लेकर सवाल उठाया। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि रायपुर कलेक्टर की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी सामने आई है

🔹 नायकबांधा में 13 खसरों को 53 प्लॉटों में बांटा गया
🔹 फर्जी नामांतरण से सरकार को नुकसान हुआ
🔹 नायब तहसीलदार और 3 पटवारी निलंबित
🔹 अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार पर कार्रवाई जारी

CM विष्णुदेव साय का बड़ा बयान

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “जांच में कोई कोताही नहीं होगी। कांग्रेस सरकार ने खुद CBI को बैन किया था, लेकिन अब उन्हीं को CBI जांच चाहिए।”

विभागीय मंत्री ने गड़बड़ी स्वीकारी

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने माना कि भारतमाला परियोजना में अधिसूचना के बाद भूमि का टुकड़ा कर भू-अर्जन किया गया और ट्रस्ट की बजाय ट्रस्ट के व्यक्ति को मुआवजा मिल गया। इसके लिए डिप्टी कलेक्टर, SDM, तहसीलदार और पटवारी पर कार्रवाई हुई है।

FIR दर्ज करने की मांग, नहीं तो हाईकोर्ट जाएंगे महंत

चरणदास महंत ने कहा कि “सिर्फ निलंबन से दोषी बच जाते हैं, जिम्मेदार अफसरों पर FIR दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर CBI जांच नहीं हुई तो वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे

इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, “आपको हाईकोर्ट जाने से कौन रोक रहा है?” जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया


केलो प्रोजेक्ट में भी उठे सवाल, भूपेश बघेल का आरोप

विधानसभा में उमेश पटेल ने केलो प्रोजेक्ट में भू-अर्जन का मुद्दा उठाया। भूपेश बघेल ने जमीन घोटाले का आरोप लगाते हुए सदन की समिति से जांच कराने की मांग की। लेकिन मंत्री टंकराम वर्मा ने विभागीय जांच का भरोसा दिया, जिससे विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और सदन में नारेबाजी शुरू हो गई

👉 मंत्री का दावा: केलो प्रोजेक्ट 80% पूरा हो चुका है, 23 मामले लंबित हैं।
👉 विपक्ष का हंगामा: सदन की समिति से जांच की मांग पर बहस।
👉 वॉकआउट: जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष का बहिर्गमन।

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