फर्जी क्राइम ब्रांच अफसर बनकर पेट्रोल पंप संचालक से 55 लाख की ठगी: बाउंस चेक देकर फरार, पुलिस की जांच जारी –
फर्जी क्राइम ब्रांच अफसर बनकर पेट्रोल पंप संचालक से 55 लाख की ठगी: बाउंस चेक देकर फरार, पुलिस की जांच जारी -

बिलासपुर – बिलासपुर शहर में एक बेहद चौंकाने वाला और संगठित ठगी का मामला सामने आया है, जिसने पुलिस और व्यापारियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। एक व्यक्ति ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर पेट्रोल पंप संचालक से करोड़ों के ईंधन का लाभ उठाया और बदले में 55 लाख रुपये का चेक थमा कर फरार हो गया। जब चेक बाउंस हुआ, तब इस ठगी की असलियत सामने आई।
घटना जरहाभाठा चौक स्थित जियो पेट्रोल पंप की है, जहां आरोपी ने नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक नियमित रूप से भारी मात्रा में डीजल और पेट्रोल भरवाया। आरोपी का नाम राजेन्द्र उर्फ अभिराज सिंह बताया जा रहा है, जो खुद को छत्तीसगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताता था। अपनी सरकारी पहचान और प्रभावशाली बातचीत से उसने पंप संचालक का विश्वास जीत लिया।
पेट्रोल पंप संचालक को शुरुआत में शक नहीं हुआ क्योंकि आरोपी ने हर बार डीलिंग बेहद प्रोफेशनल अंदाज़ में की। उसने कहा कि विभागीय प्रक्रिया के तहत वह एकमुश्त भुगतान करेगा और इसी बहाने पर मार्च में 55 लाख रुपये का एक चेक दे दिया। लेकिन जब चेक क्लियरेंस के लिए बैंक में लगाया गया, तो वह बाउंस हो गया। यहीं से पंप मालिक को शक हुआ और उसने जब आरोपी से संपर्क करने की कोशिश की, तो उसका मोबाइल बंद मिला।
इसके बाद संचालक ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज़ कर दी गई है। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और बैंक रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।
प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि आरोपी अकेले नहीं था, बल्कि इस ठगी को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है। पुलिस को संदेह है कि इस ठगी के पीछे एक पूरा गिरोह सक्रिय हो सकता है, जो बड़े व्यापारियों और संस्थानों को फर्जी पहचान और सरकारी रसूख का झांसा देकर निशाना बना रहा है।
इस घटना के बाद व्यापारियों, खासकर पेट्रोल पंप संचालकों में भय और गुस्सा है। उन्होंने प्रशासन से ऐसे फर्जी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, पुलिस ने आम जनता और व्यापारियों से अपील की है कि वे किसी भी लेन-देन से पहले व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि की अच्छी तरह जांच करें, और कोई भी संदेहास्पद गतिविधि होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
यह मामला न केवल एक वित्तीय ठगी का है, बल्कि सरकारी एजेंसियों की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास भी है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलवाई जाएगी।