प्रेमनगर जंगल में हाथियों के हमले से बच्चों की मौत: वन विभाग पर सवाल
प्रेमनगर के जंगल में हाथियों के एक दल ने पण्डों समुदाय के परिवार पर हमला कर दो मासूम बच्चों को कुचल दिया
अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़ – प्रेमनगर के जंगल में हाथियों के एक दल ने पण्डों समुदाय के परिवार पर हमला कर दो मासूम बच्चों को कुचल दिया। वन विभाग के अनुसार, यह घटना वन विकास निगम के जंगल में घटी जहां परिवार झोपड़ी बनाकर रह रहा था। वन अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार रुपए की सहायता राशि दी है और कहा कि आगे मुआवजा राशि का भुगतान पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद किया जाएगा।
कैसे घटी घटना
हाथियों का दल पहले पहाड़ी के पास पानी के स्रोत की ओर बढ़ गया और इस दौरान झोपड़ी को तहस-नहस कर दिया। माता-पिता अपने ढाई साल के बच्चे को लेकर भागने में सफल हुए, लेकिन उनके 11 वर्षीय बेटे और 5 वर्षीया बेटी ने हादसे में जान गंवा दी। सुबह जब माता-पिता ने बच्चों के शव देखे तो वह बेसुध हो गए।
वन विभाग पर लगाए गए आरोप
घटनास्थल पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जंगल में अवैध अतिक्रमण को लेकर परिवार ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी थी। वहीं मृतक बच्चों के पिता ने वन विभाग पर हाथियों के आगमन की जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है।
गातार बढ़ता अतिक्रमण और वन्यजीवों का खतरा
प्रेमनगर के जंगलों में ग्रामीणों द्वारा बढ़ते अतिक्रमण से वन भूमि का क्षरण हो रहा है। वन विभाग ने अतिक्रमण हटाने के प्रयास किए हैं, लेकिन जंगल की गहराई और दुर्गम इलाकों में निगरानी करना कठिन हो रहा है।
मैनपुर में हाथी घायल: पोटाश बम की चपेट में आने से दल से बिछड़ा
मैनपुर-उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के शिकार के लिए लगाए गए पोटाश बम की चपेट में आने से एक हाथी घायल हो गया है। वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरे की मदद से हाथी की गतिविधियों पर नजर रख रही है। जानकारी के अनुसार, हाथी ने बम चाट लिया था, जिससे उसके जबड़े में सूजन और पैर में चोट आई है।