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बस्तर की बेटी प्रियंका कश्यप ने बिना कोचिंग यूपीएससी में हासिल की 40वीं रैंक
जगदलपुर के पंडरीपानी गांव की बेटी प्रियंका कश्यप ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की संयुक्त भू-वैज्ञानिक भर्ती परीक्षा में 40वीं रैंक हासिल कर न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे बस्तर को गर्वान्वित किया है। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद प्रियंका ने बिना कोचिंग के घर पर स्व-अध्ययन करते हुए यह सफलता पाई है।
प्रियंका का सफर:
- पारिवारिक पृष्ठभूमि:
प्रियंका के पिता घासीराम जगदलपुर कलेक्टोरेट में भृत्य के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां लक्ष्मी गृहिणी हैं। आर्थिक स्थिति साधारण होने के बावजूद परिवार ने प्रियंका की शिक्षा को प्राथमिकता दी। - शिक्षा:
- प्राथमिक शिक्षा: भडिसगांव के सरकारी स्कूल
- माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षा: पंडरीपानी के सरकारी स्कूल
- स्नातक व स्नातकोत्तर: जगदलपुर के शासकीय पीजी कॉलेज
पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने स्व-अध्ययन के माध्यम से UPSC परीक्षा की तैयारी की।
- यूपीएससी में सफलता:
पहले प्रयास में ही प्रियंका ने 40वीं रैंक प्राप्त कर जियोलॉजिस्ट के पद पर चयन हासिल किया।
प्रियंका की प्रेरणा:
प्रियंका का मानना है कि:
- लक्ष्य हमेशा बड़ा होना चाहिए।
- आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है।
- कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर प्रयास से सफलता पाई जा सकती है।
बिना कोचिंग के सफलता:
प्रियंका ने यह उपलब्धि बिना किसी महंगी कोचिंग के घर पर ही 18 घंटे की कठिन मेहनत और गुरुजनों के मार्गदर्शन से प्राप्त की। उन्होंने दिखाया कि लगन, अनुशासन और स्व-अध्ययन से कोई भी बड़ी परीक्षा पास की जा सकती है।
बस्तर के लिए गर्व का पल:
प्रियंका माड़िया जनजाति से हैं और इस मुकाम तक पहुंचने वाली बस्तर की इकलौती छात्रा हैं। उनकी सफलता ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे आदिवासी समाज और बस्तर क्षेत्र को गौरवान्वित किया है।