11 दिसंबर 2024 को बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी हिंसा के खिलाफ कनाडा के टोरंटो में बांग्लादेश दूतावास के बाहर बड़ा प्रदर्शन हुआ। हिंदू समुदाय के सदस्य इस प्रदर्शन में शामिल हुए और बांग्लादेश सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव फैलाने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू संस्कृति, आस्था और पहचान को मिटाने की एक सुनियोजित साजिश चल रही है।
उन्होंने बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ाने और उनके धार्मिक स्थलों, मंदिरों और पुजारियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि अगर यह हिंसा इसी तरह जारी रही, तो जैसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हिंदू गायब हो गए, वैसे ही बांग्लादेश से भी हिंदू गायब हो जाएंगे।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदुओं को उनके कामों से हटाया जा रहा है, उनके घर लूटे जा रहे हैं, और महिलाओं के साथ यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने वैश्विक हस्तक्षेप की मांग की और बांग्लादेश सरकार से हिंसा पर रोक लगाने की अपील की।
यह प्रदर्शन उस समय हुआ है जब बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है, और शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ गए हैं। कई हिंदू शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उन्हें हिंसा फैलाने के आरोप में जेल में डाला जा रहा है।