विरोध का यह कैसा तरीका: सड़क निर्माण में देरी के खिलाफ बच्चों से करवाई पानी डालने की घटना
कांकेर जिले के अंतागढ़ में सड़क निर्माण में देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में बच्चों की सेहत से खिलवाड़
कांकेर जिले के अंतागढ़ में सड़क निर्माण कार्य में हो रही देरी के विरोध में एक निजी स्कूल प्रबंधन ने विवादास्पद कदम उठाया। प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण स्कूल ने बच्चों को सड़क पर पानी डालने के लिए मजबूर कर दिया, ताकि उड़ती धूल को नियंत्रित किया जा सके। यह घटना अब कई सवालों को जन्म दे रही है, जिसमें बच्चों की सेहत को लेकर चिंताएँ उठ रही हैं।
सड़क निर्माण में देरी से परेशान लोग
अंतागढ़ वासी लंबे समय से जर्जर सड़कों और उड़ती धूल से परेशान थे, और बारिश के बाद सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया था। हालांकि, निर्माण कार्य में देरी होने के कारण धूल की समस्या अब भी बनी हुई है, जिससे स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन से सड़क पर पानी डालने की मांग की थी। जब प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो स्कूल प्रबंधन ने बच्चों से सड़क पर पानी डलवाने का विवादास्पद निर्णय लिया।
स्वास्थ्य पर असर डालने वाली स्थिति
इस कार्रवाई से बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि धूल और प्रदूषण के बीच बच्चों को पानी डालवाना उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की अनदेखी करने जैसा है। यह घटना एक ऐसी शिक्षाप्रद स्थिति बन गई है, जहां बच्चों को प्रशासन के खिलाफ खड़ा किया गया, जो कि शिक्षा के उद्देश्य के खिलाफ है।
सड़क निर्माण की प्रगति और देरी
अंतागढ़ में सड़क निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगति पर है, लेकिन देरी के कारण स्थानीय लोग अभी भी परेशान हैं। जबकि सड़क निर्माण के कार्य में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, तब तक इस तरह की घटनाएँ समाज में गंभीर सवाल उठा रही हैं, खासकर बच्चों की सुरक्षा और प्रशासन की जिम्मेदारी को लेकर।