छत्तीसगढ़ में इस साल रबी सीजन की फसल बुवाई में अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है। खरीफ फसल की कटाई और बिक्री में देरी से बुवाई की गति प्रभावित हुई है। वहीं, गर्मी के धान की खेती को लेकर राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि रबी फसलों की बुवाई अब तक लक्ष्य के एक चौथाई से भी कम रही है।
रबी फसलों की बुवाई: लक्ष्य और वास्तविकता
कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, रबी 2024-25 के लिए राज्य में 19.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन अब तक केवल 4.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो पाई है, जो कुल लक्ष्य का केवल 23% है।
धान का रकबा और गर्मी की फसल पर सियासत
- धान की बुवाई: राज्य में इस साल रबी धान के लिए 165 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले साल के 236.72 हेक्टेयर से कम है।
- गर्मी के धान पर विवाद: विपक्ष का आरोप है कि सरकार गर्मी के धान पर प्रतिबंध लगा रही है। कुछ क्षेत्रों में किसानों को कथित तौर पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी जा रही है। हालांकि, राज्य सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि ऐसा कोई प्रतिबंध लागू नहीं किया गया है।
गेहूं की बुवाई: कम हुई प्रगति
- इस साल राज्य में 283 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है।
- पिछले साल इसी समय तक 28% बुवाई पूरी हो चुकी थी, जबकि इस बार केवल 10% बुवाई हुई है।
- गेहूं की बुवाई में 18% की गिरावट दर्ज की गई है, जो चिंता का विषय है।
दलहन और तिलहन की खेती पर जोर
सरकार ने किसानों को दलहन और तिलहन की फसलों की ओर प्रोत्साहित किया है। कम पानी वाली फसलों की खेती को प्राथमिकता देने के लिए जिलों के कलेक्टरों ने आदेश जारी किए हैं। इसे गर्मी के धान की खेती पर प्रतिबंध के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन सरकारी सूत्र इसे अफवाह करार दे रहे हैं।