राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर हमला किया: मॉब लिंचिंग और अल्पसंख्यकों पर हमलों की बढ़ती घटनाएं
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया। राहुल गांधी का आरोप है कि दंगाइयों को बीजेपी सरकार से खुली छूट मिली हुई है, जिससे उनके हौसले बुलंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिमों पर हमले बढ़ रहे हैं और सरकार इन मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है।
सरकार पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि सरकार देश में भय का माहौल पैदा कर रही है और नफरत फैलाने का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि भीड़ हिंसा को खुलेआम अंजाम दे रही है और सरकार इस पर मूकदर्शक बनी हुई है। राहुल ने मांग की कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि देश में कानून-व्यवस्था बनी रहे।
हाल की मॉब लिंचिंग की घटनाएं
- महाराष्ट्र की घटना: महाराष्ट्र के धुले एक्सप्रेस में एक बुजुर्ग पर बीफ रखने के आरोप में हमला किया गया। साथी यात्रियों ने बुजुर्ग को थप्पड़ मारे और गालियां दीं, जबकि बाकी यात्री मूकदर्शक बने रहे। घटना का वीडियो सामने आने के बाद ठाणे जीआरपी ने पांच से अधिक यात्रियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
- हरियाणा की घटना: हरियाणा के चरखी दादरी में बीफ खाने के शक में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। 27 अगस्त की इस घटना का वीडियो 31 अगस्त को सामने आया, जिसमें युवक को डंडों से पीटते हुए दिखाया गया। पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। नाबालिगों को जुवेनाइल होम भेज दिया गया है।
हरियाणा मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि गाय के प्रति लोगों की आस्था को देखते हुए ऐसी गतिविधियों से बचना चाहिए जो धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नए आपराधिक कानून में मॉब लिंचिंग पर सख्त सजा
हाल ही में नए आपराधिक कानून में मॉब लिंचिंग के लिए अलग से कानून बनाया गया है। इस कानून के तहत मॉब लिंचिंग के अपराध में कम से कम 7 साल की सजा का प्रावधान है और अधिकतम सजा के रूप में उम्रकैद या फांसी की सजा दी जा सकती है। हत्या के मामलों में धारा 103 और संगठित अपराध के लिए धारा 111 में सजा का प्रावधान है, जबकि धारा 113 को आतंक अधिनियम कहा गया है।