रायपुर, छत्तीसगढ़: रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए उपयोग में लाई जाने वाली ईवीएम मशीनों की कमीशनिंग प्रक्रिया में 19 मशीनें डिफेक्टिव पाई गईं, जबकि 1504 मशीनें सही पाई गईं। इन डिफेक्टिव मशीनों को अब आगामी 13 नवंबर को होने वाले मतदान में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
कमीशनिंग और डिफेक्टिव मशीनों की शिनाख्त
कमीशनिंग के दौरान ईवीएम मशीनों की बारीकी से जांच की गई। हैदराबाद से आई दो इंजीनियरों की टीम ने इन मशीनों की तकनीकी जांच की, जिसके बाद 5 बीयू (बैलोट यूनिट), 1 सीयू (कंट्रोल यूनिट), और 13 वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनें डिफेक्टिव पाई गईं। इन मशीनों को रिजेक्ट कर दिया गया और अब इन्हें उपचुनाव के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा।
मॉकपोल और मशीनों का सीलबंद करना
कमीशनिंग के बाद मॉकपोल प्रक्रिया भी संपन्न हुई, जिसमें भाजपा, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मॉकपोल के दौरान चुनाव अधिकारी पुष्पेंद्र शर्मा की उपस्थिति में सही पाई गई ईवीएम मशीनों में वोट डाले गए और इनकी जांच की गई। हालांकि, जिन मशीनों में ट्रायल के रूप में वोट डाले गए, उन्हें चुनाव में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीनों का सीलबंद होना
मॉकपोल के बाद सभी सही पाई गई ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखकर सीलबंद कर दिया गया है। स्ट्रांग रूम में मशीनों का सुरक्षित रख-रखाव किया जाएगा और मतदान दलों को पोलिंग बूथों के लिए रवाना करते समय इसे खोला जाएगा।
कमीशनिंग की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता
उपचुनाव के लिए जिले में कुल 1523 ईवीएम मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें 719 बीयू, 379 सीयू और 425 वीवीपैट हैं। 5 से 7 नवंबर तक चली कमीशनिंग प्रक्रिया में तकनीकी रूप से खराब मशीनों को अलग किया गया और सही मशीनों का चयन किया गया।