रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के किसान हितैषी फैसले से किसान बेहद खुश…
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का नारायणपुर अंचल के किसानों ने किया अभिनंदन
जनता से किए सभी वायदे को पूरा करेगी छत्तीसगढ़ सरकार: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित छत्तीसगढ़ द्वारा मात्र पौने दो माह की अल्पावधि में राज्य के किसानों के हित में लिए गए फैसले से राज्य भर के किसान बेहद खुश है।
प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा 3100 रूपए क्विंटल धान की कीमत मिलने को लेकर जगह-जगह किसान संगठनों एवं समूहों द्वारा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रिपरिषद के सहयोगी मंत्रीगणों का स्वागत अभिनंदन किया जा रहा है।
किसान समूहों द्वारा मुख्यमंत्री के स्वागत अभिनंदन का ऐसा ही नजारा आज राज्य के सुदूर वनांचल के जिला मुख्यालय नारायणपुर में देखने को मिला।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पहली बार नारायणपुर के रामकृष्ण मिशन आश्रम मैदान में आयोजित कृषि मेला एवं कृषि प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यहां किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने किसान के हित में उनकी सरकार द्वारा लिए गए फैसले को लेकर जोरदार ढंग से स्वागत अभिनंदन किया और मुख्यमंत्री का आभार जताया।
किसानों संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्होंने यह सोचा नहीं था कि धान खरीदी और उसके मूल्य को लेकर आपकी सरकार इतनी जल्द फैसला लेकर उसे लागू भी कर देगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी में शामिल किसानों के हित से जुड़े मामलों को जिस तेजी के साथ मुख्यमंत्री साय की छत्तीसगढ़ सरकार ने लागू किया है। इसके लिए हम छत्तीसगढ़ सरकार को बधाई और धन्यवाद देते है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है। इस भरोसे को हमारी सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगी।
प्रधानमंत्री जी की गारंटी पूरा करने के लिए हमारी सरकार ने राज्य के 18 लाख से अधिक पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी है।
मोदी जी की गारंटी को पूरा करते हुए हम किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर कर रहे है।
राज्य में समर्थन मूल्य पर रिकार्ड तोड़ धान की खरीदी होने के बावजूद भी धान बेचने से शेष रह गए किसानों के हित में हमने धान खरीदी की निर्धारित तिथि में 4 दिन की बढ़ोत्तरी कर 4 फरवरी कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार किसान हितैषी सरकार है। राज्य में धान खरीदी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि हमने शनिवार और रविवार को भी धान खरीदी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हम राज्य के किसान भाईयों को 2183 रूपए प्रति क्विंटल के मान से समर्थन मूल्य का भुगतान 48 घण्टे के भीतर उनके बैंक खातों में कर रहे है।
धान का मूल्य 3100 रूपए प्रति क्विंटल दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को भी हम जल्द पूरा करेंगे। प्रति क्विंटल के मान से किसान भाईयों को 917 रूपए की शेष राशि एकमुश्त उनके बैंक खातों में हस्तांतरित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु वनोपज संग्राहकों के हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की एक और गारंटी को हमने पूरा कर दिया है। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक का भुगतान 5500 रूपए प्रति मानक बोरा के दर से करने का आदेश जारी कर दिया गया है। संग्रहण की निर्धारित अवधि 15 दिन बढ़ाये जाने का वायदा भी पूरा किया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है।
उन्होंने कहा कि एक दौर ऐसा था जब किसानों के पास उन्नत और बेहतर खेती के लिए पूंजी नहीं होती थी। किसानों को साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर रकम लेकर खेती-किसानी करने पड़ती थी।
किसान हमेशा कर्ज में फंसे रहते थे। इस स्थिति को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने किसानों के हित में सबसे बड़ा कदम उठाया और किसान क्रेडिट कार्ड की योजना लागू की। इससे किसानों को कम दर पर सोसायटियों एवं बैंकों से कर्ज मिलने लगा।
वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में पहली बार भाजपा की सरकार बनी, उस समय सहकारी बैंकों से किसानों को रियायती ब्याज दर पर खेती के लिए कर्ज मिलता था, जिसे धीरे-धीरे घटाकर शून्य प्रतिशत कर दिया गया है। किसानों को बिना ब्याज के खेती-किसानी के लिए ऋण देने का काम छत्तीसगढ़ की तत्कालीन सरकार ने शुरू किया।
आज भी हम किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर खेती के लिए लोन दे रहे है। फसल बीमा जिसका लाभ पूरे देश के किसानों को सहजता से मिल रहा है।
इसका श्रेय भी तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। उनके कार्यकाल में ही फसल बीमा योजना का सरलीकरण किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार देश के 140 करोड़ जनता के हित में काम कर रही है। किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना लागू की गई है।
सौर सुजला योेजना के माध्यम से सरकार ने दूरस्थ वनांचल में, जहां बिजली की सुविधा नहीं थी, वहां किसानों के खेतों में भी इस योजना के माध्यम से सिंचाई की सुविधा प्रदान करने का काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभी गारंटी को हम पूरा करेंगे, जिसमें से महतारी वंदन योजना के अंतर्गत राज्य की पात्र महिलाओं को प्रतिवर्ष 12 हजार रूपए देने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है।
राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10 हजार रूपए, महिलाओं को 500 रूपए में गैस सिलेण्डर देने के वादे को हम जल्द पूरा करेंगे।
इसको लेकर हमारी सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री जी की गारंटी को पूरा करने के लिए हमारी सरकार ने श्री रामलला दर्शन योजना लागू की है। राज्य के लोगों को सरकारी खर्चें पर अयोध्या ले जाकर भगवान श्रीराम का दर्शन कराने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास‘ का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए प्रयासरत् है।
उन्होंने दूरस्थ वनांचल में रहने वाले आदिवासी भाईयों विशेषकर पिछड़ी जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना शुरू की है।
अबूझमाड़िया जनजाति बस्तर अंचल में निवास करती है। इन जनजातियों की बसाहटों में पक्का आवास, रोड, नाली, बिजली-पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था के साथ ही सरकार की 11 योजनाओं का लाभ दिलाने का काम तेजी से किया जा रहा है। यह योजना 9 विभागों के समन्वय से क्रियान्वित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नारायणपुर अंचल में रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा जन कल्याण के लिए संचालित कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा एवं समग्र विकास के क्षेत्र में रामकृष्ण मिशन का अमूल्य योगदान है। यहां आकर अच्छा लगा।
रामकृष्ण मिशन द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए 181 आंगनबाड़ियों के संचालन की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन आश्रम में उच्च शिक्षा की व्यवस्था के लिए महाविद्यालय खोलने की घोषणा की।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वनमंत्री केदार कश्यप, रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी व्याप्तानंद सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।