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रायपुर: सरकारी कॉलेज में नए कोर्स नहीं, निजी कॉलेज कर रहे तैयारी
शैक्षणिक सत्र 2025-26 में रायपुर के सरकारी महाविद्यालयों में नए पाठ्यक्रम नहीं जुड़ेंगे। निजी संस्थान रोजगारोन्मुखी और तकनीकी कोर्स शुरू करने के लिए तैयार हैं।
रायपुर। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में रायपुर के सरकारी महाविद्यालयों में नए पाठ्यक्रम नहीं जोड़े जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू होने के बाद सेमेस्टर प्रणाली, वैकल्पिक विषय चयन, और नई पद्धतियों को लागू करने में कॉलेज व्यस्त हैं। वहीं, निजी महाविद्यालय रोजगारोन्मुखी और तकनीकी आधारित पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।
सरकारी महाविद्यालयों में नई पहल की कमी
- शासकीय कॉलेज अब भी NEP के प्रावधानों को सही तरीके से लागू करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
- छात्रों को अपने विषय क्षेत्र के बाहर से वैकल्पिक विषय चुनने का विकल्प दिया गया है।
- नई व्यवस्थाओं के कारण नए पाठ्यक्रम की शुरुआत नहीं हो रही है।
निजी कॉलेजों की योजना: रोजगार आधारित पाठ्यक्रम
- निजी संस्थानों ने कंप्यूटर, आईटी, और प्रबंधन से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आवेदन किया है।
- खेल और पर्यावरण आधारित कोर्स की मांग बढ़ रही है।
- युवा छात्रों के बीच तकनीकी और डिजिटल कौशल में बढ़ती रुचि।
प्रमुख महाविद्यालयों की स्थिति
- साइंस कॉलेज, रायपुर:
- नए पाठ्यक्रम के लिए आवेदन नहीं।
- छात्रों को अर्थशास्त्र और भूगोल जैसे विषयों का विकल्प।
- डिग्री गर्ल्स कॉलेज:
- परंपरागत पाठ्यक्रम (BA, BSc, BCom) में पहले से अत्यधिक प्रतिस्पर्धा।
- नए कोर्स फिलहाल नहीं जोड़े जा रहे हैं।
- छत्तीसगढ़ कॉलेज:
- पिछले सत्र में BA LLB की शुरुआत।
- नए कोर्स जोड़ने की प्रक्रिया जारी नहीं।
- दुर्गा महाविद्यालय:
- प्रवेश के लिए हर साल मारामारी।
- कोई नया पाठ्यक्रम इस सत्र में लागू नहीं होगा।
विशेषज्ञों की राय
- डॉ. किरण गजपाल (प्राचार्य, डिग्री गर्ल्स कॉलेज):
“हमारा पूरा फोकस NEP को सही तरीके से लागू करने पर है। फिलहाल नए कोर्स शुरू करने की योजना नहीं है।” - डॉ. संगीता घई (प्राचार्य, डागा गर्ल्स कॉलेज):
“हमने खेल और प्रबंधन आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आवेदन दिया है। छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए नए कोर्स जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।” - डॉ. देवाशीष मुखर्जी (प्राचार्य, महंत महाविद्यालय):
“आईटी और कंप्यूटर आधारित कोर्स के लिए छात्रों में रुचि को देखते हुए हमने इन पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन दिया है।”