विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पेश, किसानों के मुद्दे पर हंगामा
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र 2025 की कार्यवाही सोमवार को दो दिन के अंतराल के बाद फिर शुरू हुई। इससे पहले शुक्रवार (1 फरवरी) को हंगामे के चलते कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र 2025 की कार्यवाही सोमवार को दो दिन के अंतराल के बाद फिर शुरू हुई। इससे पहले शुक्रवार (1 फरवरी) को हंगामे के चलते कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। आज की कार्यवाही के दौरान धर्मांतरण विरोधी बिल ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ पेश किया गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस विधेयक को विधानसभा में रखा।
धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर बहस के बाद होगी मंजूरी
भजनलाल शर्मा सरकार ने धर्मांतरण को रोकने के लिए नया विधेयक पेश किया, जिसे इस सत्र में ही पारित करवाने की योजना है। हालांकि, यह विधेयक विधानसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून का रूप ले सकेगा। इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस की संभावना है।
किसानों के मुद्दे पर हंगामा, मुआवजे को लेकर सरकार से सवाल
विधानसभा सत्र की शुरुआत में ही अतिवृष्टि से प्रभावित फसल क्षति को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। पीपल्दा विधायक चेतन पटेल ने किसानों के मुआवजे पर सवाल उठाया, जिसके बाद मंत्री ओटाराम देवासी ने जल्द भुगतान का आश्वासन दिया। लेकिन जब विधायक टीकाराम जूली ने पूछा कि अब तक कितने किसानों को मुआवजा मिला है, तो इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया।
महंगे कोयले की खरीद पर सरकार को घेरा, ऊर्जा मंत्री ने पलटवार किया
विपक्ष ने सरकार पर महंगे दामों पर कोयला खरीदने का आरोप लगाया। इस पर उपनेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा ने सरकार से जवाब मांगा। जवाब में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि “अगर एक दिन बहस करवा लो तो कांग्रेस सरकार का पूरा चिट्ठा खोल दूंगा।” इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
विपक्ष का हमला, भजनलाल सरकार पर बढ़ता दबाव
विपक्ष लगातार भजनलाल शर्मा सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए है। धर्मांतरण विरोधी विधेयक से लेकर महंगे कोयले की खरीद और किसानों की समस्याओं तक, कई मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।