राजनाथ सिंह का भुज एयरबेस दौरा और तालिबान से भारत की पहली आधिकारिक बातचीत – रणनीतिक मोर्चे पर बड़ी पहल –
राजनाथ सिंह का भुज एयरबेस दौरा और तालिबान से भारत की पहली आधिकारिक बातचीत – रणनीतिक मोर्चे पर बड़ी पहल -

नई दिल्ली – भारत ने एक ही दिन दो बड़ी रणनीतिक पहल करते हुए अपनी सैन्य और कूटनीतिक स्थिति को मज़बूत करने का संकेत दिया है। एक तरफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज एयरबेस का दौरा कर सैनिकों का मनोबल बढ़ाया, तो दूसरी ओर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री से ऐतिहासिक बातचीत की।
भुज में सेना का हौसला बढ़ाने पहुँचे रक्षा मंत्री –
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज एयर फोर्स स्टेशन पर वायु सेना, थल सेना और सीमा सुरक्षा बल के जवानों से मुलाकात की। हाल ही में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़े तनाव और ड्रोन घुसपैठ की घटनाओं को देखते हुए यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। सैनिकों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि देश को अपने सुरक्षाबलों पर पूरा गर्व है और उनकी वीरता देश की सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत है।
यह दौरा ऐसे समय पर हुआ है जब भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है।
तालिबान से हुई भारत की पहली राजनीतिक बातचीत –
इसी दिन एक और बड़ी कूटनीतिक पहल हुई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से टेलीफोन पर बात की। यह भारत और तालिबान के बीच पहली बार किसी आधिकारिक स्तर पर राजनीतिक बातचीत थी। बातचीत के दौरान आतंकवाद, क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी विश्वास जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
जयशंकर ने इस बातचीत को सकारात्मक बताया और अफगानिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ भड़काने वाली गतिविधियों का विरोध करने के रुख का स्वागत किया। यह वार्ता भारत की बदलती कूटनीतिक सोच को दर्शाती है, जिसमें वह हर पड़ोसी से संपर्क बनाकर दक्षिण एशिया में स्थिरता लाने का प्रयास कर रहा है।
इन दोनों घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि भारत अब एक साथ दो मोर्चों पर काम कर रहा है – सैन्य स्तर पर सतर्कता और कूटनीतिक स्तर पर संवाद। यह रणनीति आने वाले समय में भारत की क्षेत्रीय और वैश्विक भूमिका को और अधिक सशक्त बना सकती है।