कोटक महिंद्रा बैंक पर इसलिए चला RBI का डंडा, IT सिस्टम में मिली थीं बड़ी खामियां…
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आरबीआई द्वारा कोटक महिंद्रा बैंक पर की गई कार्रवाई प्राइवेट सेक्टर के इस बैंक के लिए बड़ा झटका है।
आरबीआई के अनुसार, कोटक बैंक के आईटी सिस्टम में गंभीर खामियां मिली थीं। इस पर बैंक से जवाब भी मांगा गया था, लेकिन लगातार दो वर्षों तक नियामक दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई।
इसके बाद यह सख्त कदम उठाना पड़ा।
आरबीआई के अनुसार, कोटक महिंद्रा बैंक जिस तरीके से अपने आईटी सिस्टम का प्रबंधन करता है डाटा को सुरक्षित करता है, उसमें कई गंभीर खामियां मिली थीं।
इस मामले में रिजर्व बैंक ने वर्ष 2022 और 2023 में बैंक का आईटी ऑडिट भी किया था, जिसमें इन कमियों को समय पर और सही तरीके से निपटने का निर्देश दिया गया था लेकिन बैंक लगातार दो वर्षों तक इसमें नाकाम रहा।
विशेष शक्ति का किया इस्तेमाल
इसके बाद बैंकिंग नियामक अधिनियम 1949 के सेक्शन 35ए के तहत आरबीआई ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया है और कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई की।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि किसी भी अन्य नियामक, पर्यवेक्षी या प्रवर्तन कार्रवाई से प्रभावित हुए बिना यह कार्रवाइयां की गईं। इन्हें रिजर्व बैंक द्वारा किसी भी बैंक के खिलाफ शुरू किया जा सकता है।
बैंक को कराना होगा ऑडिट
आरबीआई की पूर्व-अनुमति के साथ बैंक द्वारा शुरू किए जाने वाले एक व्यापक बाहरी ऑडिट के पूरा होने पर इन पाबंदियों की समीक्षा की जाएगी।
रिजर्व बैंक की संतुष्टि के लिए बाहरी ऑडिट के साथ-साथ आरबीआई निरीक्षणों में की गई टिप्पणियों में इंगित की गई खामियों को भी दूर किया जाएगा।
मौजूदा ग्राहकों पर असर नहीं
आरबीआई की इस कार्रवाई का बैंक के मौजूदा ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा और वे पहले की तरह सभी सुविधाएं इस्तेमाल कर सकेंगे। बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, देशभर में उसकी 1780 से ज्यादा ब्रांच हैं और 2023 तक कुल 4.12 करोड़ ग्राहक हैं।
वहीं, बैंक के पास देश के कुल क्रेडिट कार्ड मार्केट में करीब चार फीसदी की हिस्सेदारी है। देशभर में बैंक के 49 लाख से ज्यादा क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल किए जा रहे हैं। वहीं, 28 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड सक्रिय हैं।
आपको बता दें कि कोटक महिंद्रा फाइनेंस को साल 2003 में बैंकिंग लाइसेंस मिला था और एनबीएफसी से बैंक में तब्दील होने वाली यह पहली वित्तीय इकाई थी।
एचडीएफसी समेत कई वित्त संस्थानों पर सख्ती
केंद्रीय बैंक ने दिसंबर 2020 में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी पर भी नए कार्ड जारी करने और नई डिजिटल पहल शुरू करने पर रोक लगा दी थी।
हालांकि मार्च, 2022 में यह रोक हटा दी गई थी। वहीं, इस साल आरबीआई ने नियमों के उल्लंघन पर पेटीएम की बैंकिंग ईकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक, गोल्ड लोन बांटने वाली कंपनी आईआईएफएल और वित्त कंपनी जेएम फाइनेंशियल पर भी कई तरह की पाबंदियां लगाई थीं।
कई बैंकों पर जुर्माना
नवंबर 2023 में एक्सिस बैंक पर ग्राहकों की सुविधाओं और कर्ज वसूली में आरबीआई के नियमों का पालन नहीं करने के आरोप पर 90.92 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
वहीं, बजाज फाइनेंस जैसी बड़े एनबीएफसी को उसकी दो सेवाओं इकॉम और इंस्टा ईएमआइ कार्ड को बंद करने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा बीते छह माह में आरबीआई ने कई सहकारी बैंकों पर भी जुर्माना लगाया है।
सहकारी और एनबीएफसी बैंक पर ज्यादा ध्यान
विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई की सबसे अधिक कार्रवाई सहकारी बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के खिलाफ सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है।
इसका मतलब यह है कि इन दोनों वर्ग के वित्तीय संस्थान आरबीआई के नियमों के पालन को लेकर अब तक ज्यादा गंभीर नहीं हैं। नवंबर 2023 में आरबीआई ने दो एनबीएफसी को बंद करने का निर्देश दिया था।