भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर अपनी मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार, 1 अक्टूबर को घोषणा की कि रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रहेगी। यह लगातार दूसरी बार है जब दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि इस साल की शुरुआत में तीन बार में कुल 1% की कटौती की गई थी।
इस फैसले से उन लोगों को झटका लगा है जो त्योहारों के सीजन में सस्ते लोन की उम्मीद कर रहे थे, क्योंकि अब होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई में कोई कमी नहीं आएगी। आरबीआई का यह फैसला महंगाई के नियंत्रण में रहने और मजबूत आर्थिक वृद्धि के अनुमान को दर्शाता है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है, जबकि महंगाई दर का अनुमान 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया गया है।
आरबीआई ने इस फैसले के पीछे का कारण बताया है कि वे पहले की गई कटौतियों के प्रभाव का आकलन करना चाहते हैं। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितता ने भी इस फैसले में भूमिका निभाई है।