देश

RBI के तीन नए नियम: जनधन खातों का री-केवाईसी, मृत खाताधारकों के दावे और रिटेल बॉन्ड में ऑटो-बिडिंग

RBI के तीन नए नियम: जनधन खातों का री-केवाईसी, मृत खाताधारकों के दावे और रिटेल बॉन्ड में ऑटो-बिडिंग

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में तीन महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जो भारत के वित्तीय परिदृश्य पर गहरा असर डालेंगे। ये बदलाव जनधन खातों के सत्यापन, मृत खाताधारकों के दावों और सरकारी बॉन्ड में खुदरा निवेश से संबंधित हैं।

1. जनधन खातों का री-केवाईसी: दस साल पहले खोले गए जनधन खातों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए, आरबीआई ने 1 जुलाई से 30 सितंबर तक इन खातों का री-केवाईसी (Know Your Customer) कराने का निर्देश दिया है। धोखाधड़ी को रोकने और खाताधारकों की जानकारी को अपडेट करने के लिए, बैंक ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष शिविर आयोजित करेंगे, जहां यह प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क होगी।

2. मृत खाताधारकों के दावों का एकसमान तरीका: आरबीआई ने मृत खाताधारकों के दावों को निपटाने के लिए एकसमान प्रक्रिया शुरू की है। यह नया नियम नॉमिनी, कानूनी उत्तराधिकारियों या परिवार के सदस्यों के लिए दावे की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाएगा। पहले, प्रत्येक बैंक की अपनी अलग-अलग और जटिल प्रक्रियाएं होती थीं, जिससे काफी परेशानी होती थी।

3. रिटेल बॉन्ड में ऑटो-बिडिंग सुविधा: खुदरा निवेशकों के लिए, आरबीआई ने ‘रिटेल डायरेक्ट पोर्टल’ पर एक नई ऑटो-बिडिंग सुविधा शुरू की है। यह सुविधा निवेशकों को सरकारी बॉन्ड (टी-बिल्स) के लिए अपनी बोलियां स्वचालित रूप से सेट करने की अनुमति देती है। इससे निवेशकों के लिए बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के नियमित रूप से निवेश करना और पुनर्निवेश करना आसान हो जाएगा।

यह तीनों कदम भारत की वित्तीय प्रणाली की परिपक्वता को दर्शाते हैं। ये ग्रामीण खातों की सुरक्षा में सुधार, मृत खाताधारकों के परिवारों के लिए धन तक निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करने, और आम व्यक्ति के लिए तकनीक के माध्यम से सरकारी निवेश को अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button