छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में CISF (Central Industrial Security Force) 17वीं बटालियन कैंप से हुई चोरी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने करीब 40 दिन बाद इस चोरी की घटना के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया और चोरी गई रायफल के साथ-साथ 20 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस मामले का खुलासा किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी, नरोत्तम रात्रे, जो कि एक आरक्षक था, ऑनलाइन जुआ सट्टे का आदी था। उस पर करीब 4 लाख रुपये का कर्ज था, और इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने CISF कैंप से इंसास रायफल और 20 जिंदा कारतूस चुराए थे। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने इन चोरी किए गए हथियारों को वापस करने के बदले 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी।
आरोपी आरक्षक ने हथियारों को ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की थी, ताकि वह अपनी आर्थिक मुश्किलों से बाहर निकल सके। आरोपी नरोत्तम रात्रे और उसके सहयोगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, और मामले में आगे की जांच जारी है।
इस मामले में पुलिस ने जो भी जानकारी एकत्र की है, उसके अनुसार आरोपी ने यह अपराध अपनी जुए की लत और कर्ज चुकाने के दबाव में किया था। पुलिस ने पूरी तफ्तीश के बाद आरोपी को पकड़ने में सफलता पाई, जिससे पुलिस विभाग की तत्परता और कार्रवाई की सराहना की जा रही है।