श्री राम कथा में शामिल होकर भवन निर्माण के लिए 11 लाख रुपये की घोषणा
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने लोरमी के मानस मंच में आयोजित श्री राम कथा के समापन समारोह में शामिल होकर भवन निर्माण के लिए 11 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।
लोरमी। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने लोरमी के मानस मंच में आयोजित श्री राम कथा के समापन समारोह में शामिल होकर भवन निर्माण के लिए 11 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। यह राशि सांसद निधि से प्रदान की जाएगी, जिसका उपयोग मानस मंच समिति के भवन निर्माण में किया जाएगा। इस दौरान मंत्री साहू ने क्षेत्रवासियों को भगवान श्रीराम की कथा श्रवण के महत्व पर बल दिया और सामाजिक सरोकारों से जुड़े युवाओं के योगदान की सराहना की।
मंत्री साहू का मानस मंच में आगमन और कथा श्रवण
लोरमी नगर के मानस मंच में नौ दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन हुआ, जिसमें कथा वाचक पंडित सागर मिश्रा ने श्रीराम के दिव्य चरित्र का वर्णन किया। कथा के अंतिम दिन विशेष अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री और बिलासपुर लोकसभा सांसद तोखन साहू ने उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि लोरमी में प्रति वर्ष श्री राम कथा का आयोजन नगर के लिए एक गौरवशाली परंपरा है।
भवन निर्माण के लिए 11 लाख रुपये की सहायता
मंत्री साहू ने मानस मंच समिति के लिए 11 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया। उन्होंने आयोजकों और टीम के सदस्यों की इस आयोजन में की गई मेहनत और समर्पण की प्रशंसा की, साथ ही इसे सामाजिक विकास में योगदान का एक उदाहरण बताया। मंत्री साहू ने इस सहायता राशि के माध्यम से श्री राम कथा जैसे आयोजनों को और अधिक सशक्त बनाने का संकल्प व्यक्त किया।
गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारा में माथा टेकना
श्री राम कथा में शामिल होने के बाद मंत्री साहू ने गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में लोरमी गुरुद्वारा में जाकर माथा टेका। उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के प्रमुख अनिल सलूजा और अमित सलूजा सहित अन्य सदस्यों को गुरु पर्व की शुभकामनाएं दीं। मंत्री साहू ने इस अवसर पर गुरु नानक देव जी के उपदेशों को याद कर, शांति, प्रेम और एकता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
लोरमी का सांस्कृतिक और धार्मिक समर्पण
लोरमी में आयोजित इस आयोजन ने समाज के सभी वर्गों को धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ा है। मंत्री साहू का यह दौरा क्षेत्र में धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों के महत्व को और बढ़ावा देता है, जो स्थानीय समुदाय में एकता, समर्पण और सामाजिक जिम्मेदारी को बल देता है।