अवैध रेत खनन पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा: स्थगन प्रस्ताव खारिज होने पर विपक्ष का वॉकआउट
अवैध रेत खनन पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा: स्थगन प्रस्ताव खारिज होने पर विपक्ष का वॉकआउट

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को अवैध रेत खनन का मुद्दा गर्मा गया, जिस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
शून्यकाल के दौरान विपक्ष ने प्रदेश में धड़ल्ले से चल रहे अवैध रेत खनन पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर चर्चा की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि रेत माफिया सरकार को अपनी जेब में रखकर काम कर रहे हैं और गुंडागर्दी कर नदियों को छलनी करने का षड्यंत्र चल रहा है। उन्होंने स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर तत्काल चर्चा कराने की मांग की।
विपक्षी सदस्यों का कहना था कि पूरे प्रदेश में दो हजार से अधिक जगहों पर अवैध रूप से रेत का खनन हो रहा है और इसमें बाहरी लोग भी शामिल हैं। खरसिया विधायक उमेश पटेल ने बताया कि पत्राचार करने के बाद भी अवैध रेत खनन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और मंत्री से लेकर कलेक्टर तक कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने भी कहा कि प्रदेश में रेत का अवैध खनन किसी से छिपा नहीं है, बिना रॉयल्टी के रेत निकाली जा रही है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी हो रही है और विरोध करने पर ठेकेदार मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
सत्तापक्ष का जवाब देते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव की सूचना समय पर न दिए जाने का हवाला देते हुए इसे अग्राह्य कर दिया। अध्यक्ष के इस फैसले से नाराज विपक्ष ने रेत माफियाओं को संरक्षण देने के नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन (वॉकआउट) कर दिया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अवैध रेत खनन एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिस पर पूर्ववर्ती और वर्तमान दोनों सरकारों के कार्यकाल में सवाल उठते रहे हैं। मानसून के दौरान नदियों में खनन पर प्रतिबंध होने के बावजूद अवैध उत्खनन जारी रहने की शिकायतें आती रहती हैं, जिससे रेत के दाम भी आसमान छू रहे हैं। विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है।