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विदेश मंत्री जयशंकर का बयान: पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दोहराया भारत का रुख, शांति बहाली में हर संभव मदद का भरोसा
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए भारत के रुख को दोहराया। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि पीएम मोदी का मानना है कि इस संघर्ष का समाधान केवल कूटनीति और बातचीत के माध्यम से ही संभव है और भारत शांति बहाली में हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।
पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा:
- ऐतिहासिक महत्व: पीएम मोदी का यह दौरा यूक्रेन की आजादी के बाद पहला है। 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता के बाद से यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन का दौरा किया है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी है।
जेलेंस्की से गले मिलने पर टिप्पणी:
- संस्कृति का फर्क: जयशंकर ने पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के गले मिलने के बारे में कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक आदत है। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्कृतियों के बीच इस तरह की छोटी-छोटी भिन्नताएँ होती हैं।
भारत के संबंध:
- दोनों देशों से अच्छे संबंध: भारत के रूस और यूक्रेन दोनों से अच्छे संबंध हैं। रूस भारत का पुराना मित्र है, जबकि यूक्रेन के साथ भी वर्तमान में अच्छे संबंध बने हुए हैं।
शांति बहाली के प्रयास:
- द्विपक्षीय बैठक: पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की और उन्हें भारत की ओर से शांति बहाली में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। दोनों नेताओं ने युद्ध के प्रभावों और इसे रोकने के उपायों पर गहन चर्चा की।
श्रद्धांजलि और समाधान की अपील:
- मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि: पीएम मोदी और जेलेंस्की ने युद्ध में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने कहा कि यह युद्ध विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए विनाशकारी है और मासूम बच्चों की मौत असहनीय है।
- बातचीत के माध्यम से समाधान: विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए अपना पुराना रुख दोहराया है और सभी पक्षों से अपील की है कि वे विवादों को युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि बातचीत की मेज पर सुलझाएं।