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रूस और यूक्रेन के संत विश्वशांति के लिए एक ही हवनकुंड में मिलकर महाकुंभ में पूजन करेंगे-

रूस और यूक्रेन के संत विश्वशांति के लिए एक ही हवनकुंड में मिलकर महाकुंभ में पूजन करेंगे-

Mahakumbh News – रूस और यूक्रेन देश को मनाने में भले ही कामयाबी न मिली हो लेकिन संगम की रेती पर इन दोनों मुल्कों के संत विश्व शांति के लिए हवन पूजन और आहुति देंगे। इनके लिए लकड़ी और कांच से युक्त रूस यूक्रेन आध्यात्मिक गलियारा बनाया जा रहा है। जिसमे दोनों दुश्मन देशों के संत एक ही हवनकुंड में विश्वशांति के लिए आहुति देंगे।

एक हजार संत यज्ञ में शामिल होंगे-

एक हजार संत शायद इस शिवशक्ति महायज्ञ में शामिल होंगे। संगम की रेती, यानी गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती, अपने अलग-अलग रीति-रिवाजों और पूजन विधि के बावजूद इस मिलाप को दिखाएगी। इधर, संतो का संगम शुरू हो गया है। जबकि अस्थाई टेंटो में संतो की टोली अपने नियमों के अनुसार पूजन करने के लिए एकत्रित है।

सनातन धर्म के चारों पक्ष पहली बार प्रयागराज महाकुंभ में एकत्र होंगे। इसे महाकुंभ और कुम्भ के इतिहास में एक अद्भुत संयोग माना जाता है। महाकुंभ का आमंत्रण पहली बार कर्नाटक के शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ जी ने स्वीकार किया है। शृंगेरी पीठ शिविर के लिए भी शंकराचार्य मार्ग पर जमीन दी गई है।

श्रद्धालुओं का खास ध्यान रखा जाएगा-

महाकुंभ नगरी में कार्यक्रमों के लिए छह सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जिससे यूपी के 76वें ज़िले महाकुंभनगरी में पूरे प्रयागराज की अवस्थापना सुविधा मिल रही है। मेले में आने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है। एयरपोर्ट भी विशेष तैयारियों में है।

 

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