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आधार पर चौंकाने वाला खुलासा: 14 साल में 11.7 करोड़ मौतें, लेकिन केवल 1.15 करोड़ आधार नंबर रद्द!

आधार पर चौंकाने वाला खुलासा: 14 साल में 11.7 करोड़ मौतें, लेकिन केवल 1.15 करोड़ आधार नंबर रद्द!

 

नई दिल्ली: देश में आधार नंबरों को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जवाब में यह जानकारी मिली है कि पिछले 14 वर्षों में भारत में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 11.7 करोड़ मौतें हुई हैं, लेकिन आधार जारी करने वाली संस्था, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने इसी अवधि में केवल 1.15 करोड़ आधार नंबर ही निष्क्रिय किए हैं।

यह बड़ा अंतर, जो कुल मौतों के 10% से भी कम है, आधार डेटा की विश्वसनीयता और अद्यतन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है। लेख में इस मुद्दे पर प्रकाश डाला गया है कि यह खामी आधार प्रणाली में त्रुटियों को उजागर करती है, जिससे बिहार के कुछ जिलों में 100% से अधिक आधार संतृप्ति जैसी स्थितियां पैदा हो रही हैं। यह दर्शाता है कि मृत व्यक्तियों के आधार नंबर समय पर निष्क्रिय नहीं किए जा रहे हैं।

यूआईडीएआई ने यह भी बताया कि उसके पास इस बात की जानकारी नहीं है कि देश में कितने लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है, या मृत्यु के आधार पर निष्क्रिय किए गए आधारों का वर्ष-वार डेटा उपलब्ध नहीं है। मृत्यु के बाद आधार नंबर को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया में भारत के महापंजीयक के साथ डेटा का मिलान करना और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण या अपडेट को सत्यापित करना शामिल है। यह खुलासा आधार प्रणाली में सुधार और मृत व्यक्तियों के डेटा को नियमित रूप से अपडेट करने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है।

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