माँ महानदी जन-जागरूकता अभियान से सुधरेगा श्री गणेश घाट, धार्मिक और पर्यटन क्षमता को मिलेगा नया आयाम
माँ महानदी जन-जागरूकता अभियान से सुधरेगा श्री गणेश घाट, धार्मिक और पर्यटन क्षमता को मिलेगा नया आयाम

रायपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में माँ महानदी के उद्गम स्थल के पास स्थित श्री गणेश घाट के कायाकल्प और उन्नयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। “माँ महानदी जन-जागरूकता अभियान” के तहत इस ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल को नया स्वरूप देने की योजना है, जिससे इसकी धार्मिक महत्ता के साथ-साथ पर्यटन क्षमता में भी वृद्धि होगी। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल घाट के बुनियादी ढांचे में सुधार करना है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना भी है।
परियोजना का व्यापक स्वरूप और सौंदर्यीकरण कार्य
इस महत्वाकांक्षी परियोजना में श्री गणेश घाट के व्यापक सौंदर्यीकरण और नवीनीकरण कार्य शामिल हैं। घाटों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिससे भक्तों और पर्यटकों के लिए सुविधा बढ़ेगी। इसके अलावा, महानदी नदी के उद्गम स्थल के आसपास के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में समग्र पर्यावरणीय सुधार किए जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि नदी और उसके पारिस्थितिकी तंत्र को स्वच्छ और सुरक्षित रखा जा सके।
सौंदर्यीकरण के तहत, सड़क के किनारे लगभग 20,000 वर्ग फुट के क्षेत्र को आकर्षक चित्रों और कलाकृतियों से सजाया जा रहा है। इस कलात्मक कार्य पर लगभग 20 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है, जिससे यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए और भी दर्शनीय बन जाएगा। यह पहल स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।
महानदी का महत्व और परियोजना के उद्देश्य
महानदी नदी छत्तीसगढ़ के लिए केवल एक जल स्रोत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसे प्रदेश की जीवनरेखा माना जाता है। इस पुनर्विकास परियोजना का एक प्रमुख उद्देश्य महानदी के जल स्तर को नियंत्रित करना और आसपास के क्षेत्रों में जल संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना भी है। यह न केवल पेयजल और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि नदी के पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है।
परियोजना का दूरगामी लक्ष्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। श्री गणेश घाट जैसे स्थलों का विकास धार्मिक श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप, स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
स्थानीय उत्साह और पर्यावरणीय लाभ
इस परियोजना को लेकर स्थानीय निवासियों में भारी उत्साह है। वे आशा कर रहे हैं कि श्री गणेश घाट के विकास से उनके लिए छोटे व्यवसाय, कारीगरों के लिए बाजार और कलाकारों के लिए प्रदर्शन के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय समुदायों की भागीदारी इस अभियान की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
पर्यावरणविदों ने भी इस पहल की सराहना की है। उनका मानना है कि यह परियोजना महानदी और उसके आसपास के वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। नदी की सफाई, घाटों का नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य जल गुणवत्ता में सुधार करेगा और प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देगा, जो लंबे समय में क्षेत्र के पर्यावरण के लिए फायदेमंद साबित होगा।