सद्गुरु कबीर गुरुद्वारा समिति में फूट: शीतलदास महंत पर अशांति फैलाने का आरोप
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के मानिकपुरी समाज के वरिष्ठ जनों और सद्गुरु कबीर गुरुद्वारा समिति के लोगों ने शीतलदास महंत पर गुरुद्वारा में अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शीतलदास महंत ने गुरुद्वारा प्रबंधक समिति में कब्जा करने और गुटबंदी फैलाने की कोशिश की, जिससे समाज में विवाद उत्पन्न हो रहा है।
गुरुद्वारा की स्थापना और ऐतिहासिक महत्व
कबीरपंथी बाबूदास ने 1955 में बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के सिरगिट्टी में स्थित झोपडापारा कीर्तिनगर में सद्गुरु कबीर गुरुद्वारा की स्थापना की थी। शुरुआत में रेल विभाग ने इसे अतिक्रमण मानते हुए बाबूदास के खिलाफ कार्यवाही की थी, लेकिन बाबूदास ने इस संघर्ष के बावजूद गुरुद्वारा की स्थापना को अंजाम तक पहुंचाया। गुरुद्वारा के स्थापना के बाद से यहाँ धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम होते रहे हैं, जैसे कबीर जयंती और अन्य सभा-समितियाँ।
शीतलदास महंत का विवाद
समाज में शीतलदास महंत पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने गुरुद्वारा की पुनर्निर्माण राशि से निजी लाभ उठाने का प्रयास किया। विशेषकर, शीतलदास महंत पर आरोप है कि उन्होंने राशि का दुरुपयोग कर भारतीय नगर में जमीन खरीदकर मकान बनवाया, जो बाद में बिक भी गया। इसके अलावा, उन्होंने गुरुद्वारा समिति में गुटबंदी फैलाने का प्रयास किया।
समिति में बदलाव और विवाद
हाल ही में नारायणदास को सद्गुरु कबीर गुरुद्वारा समिति का अध्यक्ष चुना गया था, जिस पर शीतलदास महंत के गुट ने विरोध जताया। इसके बाद, समाज के वरिष्ठ जनों, पार्षद और रेलवे के अधिकारियों की पहल पर गुरुद्वारा के उत्थान के लिए सर्वसम्मति से कार्यकारिणी का चुनाव किया गया।
समिति द्वारा सर्वसम्मति से निर्वाचित पदाधिकारियों में उत्तमदास को अध्यक्ष, सरस्वती देवी और मुकेशदास को उपाध्यक्ष, बबलू दास को सचिव, असीमदास को कोषाध्यक्ष और शंकरदास को सहसचिव नियुक्त किया गया।
शीतलदास महंत पर धोखाधड़ी के आरोप
समन्वय समिति के निर्वाचित पदाधिकारियों की घोषणा के बाद शीतलदास महंत और उनके गुट ने इसे अस्वीकार करते हुए विवाद खड़ा किया। समाज के लोग आरोप लगाते हैं कि शीतलदास महंत ने अवैध रूप से समाज के लोगों से पैसे वसूले और समाज में अशांति फैलाने का प्रयास किया।
शीतलदास महंत के खिलाफ कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं, और उन्हें पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। अब गुरुद्वारा समिति ने शीतलदास महंत के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।