राजनीती

तेजस्वी से जुड़ने लगे नीट पेपर लीक मामले के तार 

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हों का खुलासा 

पटना। नीट यूजी  पेपर लीक मामला अब सियासी गलियारे की तरफ मुड़ता हुआ दिख रहा है। दरअसल बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि पेपर लीक मामले में तेजस्वी यादव और उनके करीबियों का हाथ है। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने नीट यूजी पेपर लीक मामले को लेकर आज एक प्रेस कान्फ्रेंस कर खुलासा किया है। डिप्टी सीएम सिन्हां ने बताया कि नीट पेपर लीक मामले के आरोपी सिकंदर के लिए तेजस्वी यादव के निज सचिव प्रीतम यादव ने ही पटना में गेस्ट हाउस बुक करवाया था। उन्होंने कहा कि तेजस्वी के पीएस प्रीतम और आरोपी सिकंदर यादवेन्दु के आपसी संबंध हैं। यहां उन्होंने बताया कि एनएचएआई के गेस्ट हाउस के मामले को लेकर मैंने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी जुटाई  है। इसके मुताबिक 1 मई को तेजस्वी यादव के निज सचिव प्रीतम यादव के मोबाइल से रात 9 बजकर 7 मिनट पर एनएचएआई के ऑफिस एक्सक्यूटिव प्रदीप कुमार के मोबाइल पर कॉल कर कमरा बुक कराने को कहा गया था। प्रदीप कुमार ने उस दिन इस पर संज्ञान नहीं लिया तो 4 को फिर उनके मोबाइल से बुकिंग के लिए कहा गया। उन्होंने बताया कि इसी के साथ 4 मई को प्रीतम यादव ने 3 बार कॉल किया था। विजय सिन्हां ने मीडिया को गेस्ट हाउस बुक कराने के लिए किए गए कॉल्स डिटेल को भी दिखाया। डिप्टी सीएम सिन्हा का कहना है कि प्रीतम कुमार तेजस्वी के पीएस हैं इस लिए बुकिंग में मंत्री शब्द का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि बिना आवंटन लेटर के एनएचएआई के गेस्ट हाउस में लोग रुक रहे थे। 
इस खुलासे के साथ ही डिप्टी सीएम सिन्हा ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी यादव यह स्पष्ट करें कि क्या आज तक प्रीतम उनके निज सचिव हैं? उन्होंने सवाल किया है कि तेजस्वी के सिकंदर यादवेंदु से क्या संबंध हैं। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि लालू यादव जब रांची जेल में बंद थे तो सिकंदर यादवेंदु उनके करीब था, रांची में सारा इंतजाम वही करता था। इसके बाद डिप्टी सीएम सिन्हां ने सवाल किया कि आखिर सिकंदर यादवेंदु को दानापुर का प्रभार किसने दिया? 
इसके साथ ही डिप्टी सीएम सिन्हां ने कहा कि एक साल में गेस्ट हाउस में रहने वाले तमाम लोगों की जानकारी ली जाएगी और अन्य जिन लोगों का नाम आ रहा है उस संबंध में जांच होगी। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग के तीन पदाधिकारी जिनमें प्रदीप कुमार, धर्मेंद्र कुमार ध्रमकांत और उमेश राय शामिल हैं पर कार्रवाई की जा चुकी है। इन पर लापरवाही बरतने और तथ्य छुपाने का आरोप है, जिसके चलते इन्हें सस्पेंड किया गया है। अंत में उन्होंने कहा कि बिहार को कलंकित करने में राजद मानसिकता वाले लोग हैं। इन्होंने बिहार को बदनाम करने और मुझे भी घेरने का प्रयास किया है, इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button