सिस्टम की बेबसी: एसडीएम के सामने किसान ने लगाई जमीन के बंटवारे की गुहार-
सिस्टम की बेबसी: एसडीएम के सामने किसान ने लगाई जमीन के बंटवारे की गुहार-

गरियाबंद, छत्तीसगढ़। देवभोग विकासखंड के निष्ठीगुड़ा में आयोजित एक समाधान शिविर में उस समय हृदय विदारक दृश्य सामने आया, जब अपनी पैतृक जमीन के बंटवारे के लिए संघर्ष कर रहे एक किसान ने अपनी पीड़ा से व्यथित होकर उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) के सामने साष्टांग प्रणाम कर न्याय की गुहार लगाई। यह घटना सरकारी तंत्र की धीमी कार्यप्रणाली और आम आदमी की बेबसी को दर्शाती है।
लाटापारा हल्का निवासी किसान अशोक अपनी 4.28 एकड़ पैतृक जमीन पर अपने बड़े भाई के कब्जे से परेशान है। पिछले एक साल से वह लगातार विभिन्न मंचों पर अपनी जमीन के बंटवारे के लिए आवेदन दे रहा है, लेकिन उसे अब तक कोई समाधान नहीं मिला है। अशोक ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए बताया कि वह हर सरकारी अभियान और शिविर में अपनी समस्या लेकर पहुँचता रहा है, बावजूद इसके उसकी सुनवाई नहीं हो पा रही है।
इस बार समाधान शिविर में, जब अशोक को लगा कि उसकी बात नहीं सुनी जा रही है, तो उसने मजबूरी में एसडीएम के सामने जमीन पर लेटकर अपनी फरियाद रखी। यह दृश्य देखकर वहाँ मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए। अधिकारियों ने एक बार फिर अशोक को आश्वासन दिया है कि उसकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा।
यह घटना छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में किसानों को अपनी ही जमीन से जुड़े मामलों में न्याय पाने के लिए किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसका एक जीता-जागता उदाहरण है। यह सवाल उठाती है कि आखिर कब तक किसानों को अपनी मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए इस तरह के चरम कदम उठाने पड़ेंगे।