टैक्स नियम में बदलाव: किराया और बीमा में राहत, बांडों पर टीडीएस वृद्धि और टैक्स संबंधी नियमों में हुए बड़े
आयकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चेतन तारवानी ने कहा, करदाताओं को इन नए नियमों का पता होना चाहिए। उन्हें बताया कि निवेशकों को इस महीने से लागू होने वाले बदलावों से सीधे प्रभावित होने के कारण उन्हें सतर्क रहना चाहिए।
टैक्स नियमों में भी अक्टूबर से बदलाव हुए हैं। नियमों में बदलाव से 10 प्रतिशत टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) अब फ्लोटिंग रेट बांड सहित केंद्रीय और राज्य बांड पर मिलने वाले ब्याज में काटा जाएगा। इस नए टीडीएस नियम में फ्लॉटिंग रेट सहित सभी बांड शामिल होंगे। वहीं, नए नियमों के अनुसार अब शेयर निवेशकों को हर कैपिटन गेन का हिसाब रखना होगा। आयकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चेतन तारवानी, करदाताओं को इन नियमों को जानना चाहिए। इस महीने से टैक्स नियम बदल गए हैं।
घर किराया करने वालों को कुछ राहत –
अब 50,000 रुपये से अधिक का घर किराया देने वालों को टीडीएस पांच प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत देना होगा। यह कम टीडीएस अधिक किराया देने वालों के लिए सुविधाजनक है।
शेयरहोल्डर टैक्स देंगे –
अब शेयरों के बायबैक पर शेयर होल्डर लेवल टैक्स लगाया जाएगा। अब निवेशकों को हर कैपिटल गेन का भी हिसाब रखना होगा। शेयर अधिग्रहण लागत को भी टैक्स केलकुलेशन में शामिल करना चाहिए। क्योंकि कैपिटल गेन पर सीधे कर लगेगा, इससे बायबैक का विकल्प चुनने वालों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा।
इसमें भी राहत मिली –
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर को टीडीएस कमी से लाभ मिलेगा। TDIS को पांच प्रतिशत से दो प्रतिशत किया गया है। सभी लाइफ इंश्योरेंस बिल भुगतान पर यह नियम लागू होगा और इसका लाभ मिलेगा।
आयकर विभाग ने भी अभियान शुरू किया –
अक्टूबर से आयकर विभाग ने विवाद से विश्वास 2.0 कार्यक्रम शुरू किया है। ऐसे करदाताओं, जिनका मामला वर्षों से अदालतों में लंबित है, इससे लाभ उठाएंगे। साथ ही, करदाता इस स्कीम का लाभ उठाकर टैक्स बच सकते हैं।