छत्तीसगढ़

शर्मनाक घटना: शराब के नशे में स्कूल में उत्पात मचा रहा शिक्षक, ग्रामीणों ने कंधे का सहारा देकर पहुंचाया स्कूल

जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक शिक्षक ने शराब के नशे में स्कूल में उत्पात मचा दिया। यह घटना पत्थलगांव विकासखंड के पूर्व माध्यमिक शाला काडरों में घटी,

छत्तीसगढ़, जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक शिक्षक ने शराब के नशे में स्कूल में उत्पात मचा दिया। यह घटना पत्थलगांव विकासखंड के पूर्व माध्यमिक शाला काडरों में घटी, जहाँ शिक्षक सुरेन्द्र कुमार मुंजनी की शराब की लत ने उनके पेशेवर आचरण को सवालों के घेरे में डाल दिया है।

अवस्था की गंभीरता:

सुरेन्द्र कुमार मुंजनी, जिन्होंने स्कूल में पीरियड पढ़ाने के बाद शराब के नशे में गांव में उत्पात मचाया, चलने के काबिल भी नहीं रहे। ग्रामीणों ने उनकी हालत देखी और कंधे का सहारा देकर किसी तरह उन्हें स्कूल पहुंचाया। बावजूद इसके, मुंजनी स्कूल के बरामदे में ही नशे की हालत में झूमते रहे, जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे सहमे हुए नजर आए।

ग्रामीणों की शिकायत:

ग्रामीणों की लाख कोशिशों के बावजूद, शराबी शिक्षक ने न तो अपने घर जाने की कोशिश की और न ही स्कूल की स्थिति को सुधारा। बच्चों की शिकायतें भी मिली हैं कि मुंजनी अक्सर स्कूल में शराब पीकर आकर उन्हें गाली-गलौच और मारपीट का शिकार बनाते हैं। स्कूल के प्रधान पाठक ने भी पुष्टि की है कि यह शिक्षक अक्सर शराब के नशे में स्कूल आते हैं और समझाइश के बावजूद अपनी हरकतों से बाज नहीं आते।

आधिकारिक प्रतिक्रिया:

पत्थलगांव BEO, विनोद पैंकरा ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है और शिक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी को इस घटना के बारे में पत्र भेजा जा रहा है, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।

नशे के खिलाफ प्रशिक्षण:

हाल ही में जिला प्रशासन ने जिले के शराबी शिक्षकों के लिए नशे से दूर रहने का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया था, जिसमें सुरेन्द्र कुमार मुंजनी भी शामिल हुए थे। इस प्रशिक्षण में शराब न पीने की शपथ भी दिलाई गई थी, लेकिन शिक्षक की नशे की आदतें इस प्रशिक्षण के बावजूद नहीं सुधरीं।

भविष्य की चिंता:

शिक्षकों की जिम्मेदारी बच्चों और देश के भविष्य को संवारने की होती है। ऐसे में जब शिक्षक शराब के नशे में स्कूल पहुंचते हैं, तो बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता स्वाभाविक है। इस शर्मनाक घटना ने शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है।

 

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