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शिक्षकों को 5वीं-8वीं मूल्यांकन के लिए 14 साल पुरानी दर पर भुगतान, नाराजगी बढ़ी

छत्तीसगढ़ में पांचवी और आठवीं कक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को बेहद कम भुगतान किया जाएगा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पांचवी और आठवीं कक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को बेहद कम भुगतान किया जाएगा, जिससे शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है। 5वीं की प्रति उत्तरपुस्तिका जांचने पर 2 रुपए और 8वीं की प्रति उत्तरपुस्तिका पर 3 रुपए दिए जाएंगे। मूल्यांकनकर्ता अधिकतम 40 उत्तरपुस्तिकाएं प्रतिदिन जांच सकते हैं, जिससे 5वीं के शिक्षकों को अधिकतम 80 रुपए और 8वीं के शिक्षकों को 120 रुपए प्रतिदिन मिलेंगे।

मूल्यांकन स्थल तक पहुंचने में ही खर्च हो जाएगी राशि

शिक्षकों का कहना है कि निर्धारित मूल्यांकन केंद्रों तक पहुंचने में ही उनका अधिकांश पैसा खर्च हो जाएगा, जिससे मेहनताने के नाम पर बहुत ही कम राशि बचेगी। महंगाई में भारी वृद्धि के बावजूद बीते 14 वर्षों से इस दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

मूल्यांकन प्रक्रिया और समय-सारणी

लोक शिक्षण संचालनालय ने 31 जनवरी को मूल्यांकन से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें समय-सारणी और प्रक्रियाओं का उल्लेख किया गया है:

  • 30 मार्च: पांचवी कक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू होगा।
  • 4 अप्रैल: बारहवीं कक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू होगा।
  • 15 अप्रैल: दोनों कक्षाओं के मूल्यांकन का कार्य पूर्ण होगा।
  • 25 अप्रैल: अंकसूची तैयार कर ली जाएगी।
  • 28 अप्रैल: विकासखंड शिक्षा कार्यालयों के माध्यम से अंकसूची स्कूलों को भेजी जाएगी।
  • 30 अप्रैल: स्कूलों को परीक्षा परिणाम घोषित करना होगा।

शिक्षकों की नाराजगी, बढ़ती महंगाई पर सवाल

2011 तक पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाती थीं, और उस समय भी मूल्यांकन दरें यही थीं। लेकिन 14 वर्षों में मूल्यांकन दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई, जबकि इस दौरान महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है।

मूल्यांकन अनिवार्य कार्य, त्रुटि पर कार्रवाई संभव

मूल्यांकन कार्य शिक्षकों के लिए अनिवार्य श्रेणी में आता है, इसलिए इसे करने से वे मना नहीं कर सकते। अगर मूल्यांकन में त्रुटि होती है, तो जिला स्तरीय परीक्षा समिति शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। उत्तरपुस्तिकाओं को परिणाम जारी होने के 3 महीने तक सुरक्षित रखना होगा

शिक्षकों की मांग: मेहनताना बढ़ाने की जरूरत

शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार महंगाई को ध्यान में रखते हुए मेहनताना नहीं बढ़ाती है, तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा। कई शिक्षक संगठनों ने सरकार से मूल्यांकन शुल्क बढ़ाने की मांग की है।

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