रायपुर। महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली एक हजार रुपए की सहायता राशि में बड़ी खामी सामने आई है। तकनीकी त्रुटियों और आपसी तालमेल की कमी के चलते कई जिंदा हितग्राहियों को मृत घोषित कर दिया गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि उनके खातों में योजना की राशि ट्रांसफर होने के बजाय पोर्टल में वापस चली जा रही है।
विभाग और बैंक एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि यह बैंक की गलती है, जो डीबीटी प्रक्रिया में खामी कर रहा है। वहीं, बैंक अधिकारियों का कहना है कि लाभार्थियों को मृत घोषित करना या हटाना विभाग का काम है।
डीबीटी में दिक्कतें:
महतारी वंदन योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को मिलता है जिनके बैंक खाते आधार से लिंक हैं। हालांकि, लाभार्थियों का कहना है कि डीबीटी सही ढंग से नहीं हो रहा है। रायपुर जिले में दर्जनों शिकायतें आई हैं, जहां राशि ट्रांसफर नहीं हो पा रही है।
जिंदा हितग्राही बने मृत:
रायपुर जिले में कुछ महिलाओं को तकनीकी खामी के कारण मृत घोषित कर दिया गया, जिससे उनके खातों में पैसा नहीं पहुंचा। विभागीय अधिकारी शैल ठाकुर का कहना है कि यह त्रुटि तकनीकी है और इसे ठीक करने की प्रक्रिया जारी है।
सहकारी बैंक की सीईओ अपेक्षा व्यास ने स्पष्ट किया कि बैंक केवल राशि ट्रांसफर करता है। लाभार्थियों को मृत या अपात्र घोषित करना विभाग का काम है।