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मोर हॉस्पिटल, रायपुर: आयुष्मान योजना में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा बेनकाब!

रायपुर के मोर हॉस्पिटल में बड़े पैमाने पर आयुष्मान योजना का दुरुपयोग हो रहा था। सरकार की इस सर्जिकल स्ट्राइक से अन्य निजी अस्पतालों को भी सख्त संदेश मिला है। यदि आप भी योजना के तहत इलाज करा रहे हैं, तो जागरूक रहें और किसी भी गड़बड़ी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दें।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित मोर हॉस्पिटल आयुष्मान योजना में बड़े फर्जीवाड़े में लिप्त पाया गया है। यहां मरीजों को आईसीयू पैकेज के तहत भर्ती दिखाकर इलाज सामान्य वार्ड में किया जा रहा था। छापेमारी में अस्पताल की कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं, जिसके बाद इसे योजना से सस्पेंड कर दिया गया है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

🔹 आईसीयू मरीजों की फर्जी एंट्री: सामान्य मरीजों को आईसीयू ड्रेस पहनाकर फोटो खींची जाती थी और कुछ मिनट बाद जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता था।
🔹 बिना जरूरत आईसीयू पैकेज: बदन दर्द, कमर दर्द और मामूली बीमारियों वाले मरीजों को भी आईसीयू पैकेज में दिखाया गया।
🔹 फर्जी मेडिकल रिपोर्ट: पैथोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री रिपोर्ट बिना जांच के बनाई जाती थी और लक्षण आधारित दवाएं दी जाती थीं।
🔹 योजना के नियमों का उल्लंघन: मरीजों से अतिरिक्त पैसे वसूले जाते थे और योजना के तहत कम एंट्री दिखाकर बेड ब्लॉक किया जाता था।

सरकार की कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग की छापामार टीम ने मोर हॉस्पिटल में अनियमितताओं की पुष्टि की, जिसके बाद इसे आयुष्मान भारत योजना से बाहर कर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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