जिले को टीबी से मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। अब जिलावासी AI तकनीक से टीबी की पहचान और जांच कर सकेंगे और रिपोर्ट तुरंत मिल जाएगी। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने जिले में टीबी की पहचान और जांच के लिए वैन शुरू किया। कलेक्टर डा. गौरव सिंह ने AI तकनीक से टीबी की पहचान की। तत्काल AI तकनीक से कंप्यूटर पर रिपोर्ट भी आई, जिसमें कलेक्टर सामान्य पाए गए।
कलेक्टर डा. गौरव सिंह की पहल पर वैन की शुरूआत की गई है, जो AI तकनीक के माध्यम से विभिन्न स्थानों में टीबी की पहचान करेगी। साथ ही रिपोर्ट तुरंत मिलेगी। यदि कोई लक्षण दिखाई देता है तो उपचार भी जल्दी शुरू हो सकता है। वैन को रायपुर कलेक्टर डा. गौरव सिंह ने शुरू किया। वैन कई जगहों पर कैंप लगाकर जांच करेगी।
कलेक्टर सभाकक्ष में, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत, टीबी मरीजों को निक्षय मित्र योजना के तहत उपचार अवधि में मुफ्त भोजन दिया गया। इसका लक्ष्य यह है कि छह महीने तक टीबी की दवा चलते तक उन्हें पोषण आहार मिलता रहे और रायपुर जिले को टीबी से मुक्त कर दिया जाए।
इसके लिए स्कूल नामक एनजीओ ने टीबी के 200 मरीजों को उपचार अवधि के दौरान निशुल्क भोजन दिया। NGO स्कूल 1400 TB मरीजों को छह महीने के लिए खाना देगा। एनजीओ स्कूल के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर आदित्य शर्मा ने कहा कि वे 1400 मरीजों की देखभाल करने के लिए तैयार हैं। सीएमएचओ डाॅ. मिथिलेश चौधरी और अन्य अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।