नवनियुक्त नगर पंचायत देवभोग में पहला ही काम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा, 15 लाख की खरीदी में बड़ा घोटाला
नवनियुक्त नगर पंचायत देवभोग में पहला ही काम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा, 15 लाख की खरीदी में बड़ा घोटाला

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नवगठित नगर पंचायत देवभोग अपने पहले ही बड़े काम में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई है। यहां कार्यवाहक मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) संतोष स्वर्णकार पर अपनी सेवानिवृत्ति से ठीक पहले, GeM पोर्टल के माध्यम से लगभग 15.73 लाख रुपये की सामग्री खरीदने का आरोप लगा है, जिसकी बाजार कीमत 5 से 6 लाख रुपये बताई जा रही है। इस राशि में से 12 लाख रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है।
यह मामला तब सामने आया जब नवनियुक्त अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सोनी ने इसकी शिकायत की। शिकायत के बाद शुरू हुई जांच में संयुक्त संचालक लोकेश्वर साहू ने वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ये खरीदी PIC (खरीद और सूची समिति) की आवश्यक मंजूरी के बिना की गई थी और इसमें घटिया सामान को अत्यधिक inflated कीमतों पर खरीदा गया। उदाहरण के लिए, 35-40 हजार रुपये के एसी 84 हजार रुपये में और 1 लाख रुपये के मोटर पंप 3 लाख रुपये से अधिक में खरीदे गए।
नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश तिवारी ने भी GeM पोर्टल के माध्यम से खरीदी गई वस्तुओं की कीमतों में पारदर्शिता की कमी और अत्यधिक उच्च दरों पर चिंता व्यक्त की है, और पोर्टल की समीक्षा की मांग की है। खबरों के अनुसार, अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच 40% कमीशन को लेकर हुए विवाद के कारण यह घोटाला उजागर हुआ है। यह घटना नवनिर्मित नगर पंचायत की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।