
RAIPUR NEWS – छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में हाल ही में एक युवती के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के मामले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस घटना को लेकर पीड़ित परिवार में गहरा आक्रोश है और अब विपक्षी दल भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गए हैं।
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना के विरोध में और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई, प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में 18 अप्रैल से 21 अप्रैल तक दुर्ग से राजधानी रायपुर तक 45 किलोमीटर की एक “न्याय यात्रा 2.0” आयोजित की जाएगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस घटना के बारे में जागरूक करना और सरकार पर निष्पक्ष जांच के लिए दबाव बनाना है।
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि पीड़ित परिवार मौजूदा पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती है और परिवार के सदस्यों के साथ भी ठीक व्यवहार नहीं किया है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सार्वजनिक रूप से पुलिस की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं और राज्य सरकार द्वारा इस संवेदनशील स्थिति को संभालने के तरीके पर भी आपत्ति जताई है।
अपनी मांगों को और पुरजोर तरीके से उठाने के लिए, कांग्रेस पार्टी ने 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास का घेराव करने की भी योजना बनाई है। इस घेराव का उद्देश्य सरकार को इस मामले की गंभीरता का एहसास दिलाना और उन्हें सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए मजबूर करना है।
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक भी पहुंचाई गई है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। इसके अतिरिक्त, कांग्रेस पार्टी 13 अप्रैल को राज्य के राज्यपाल से मुलाकात करने की तैयारी में है, ताकि उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा सके और इस मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग की जा सके।
फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए पीड़िता के चाचा सहित कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ जारी है। हालांकि, पीड़ित परिवार और विपक्षी दलों की मांग है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच के लिए इसे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को कड़ी सजा मिल सके। इस घटना ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है।