छत्तीसगढ़

रेत माफियाओं के हौसले बुलंद –

रेत के अवैध उत्खनन से बैराज के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया, और कार्रवाई नहीं होने से रेत माफियाओं का हौसले बुलंद हो गया

CG NEWS शिवरीनारायण – दैनिक रूप से रेत माफिया अवैध उत्खनन कर स्थानीय और जिला प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन इनके खिलाफ कुछ नहीं कर रहा है। जो उनके उत्साह को बढ़ाता है। रेत माफिया शिवरीनारायण में बहने वाली महानदी को छलनी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

महानदी का जलस्तर गिरने से रेत माफिया पुनः सक्रिय हो गए हैं। रेत का अवैध व्यापार करने वाले माफिया बेखौफ उत्खनन और परिवहन कर रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च करने वाले बैराज को भी नहीं छोड़ा है। बैराज का अस्तित्व भी लगातार रेत उत्खनन से खतरा में है। यदि अवैध उत्खनन को समय रहते रोका नहीं गया, तो करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया बैराज खत्म हो जाएगा।अवैध उत्खनन की प्रक्रिया भी बदल गई है।

पहले उत्खनन के लिए जेसीबी और चैन माउंटेन मशीन की सहायता से हाइवा के माध्यम से परिवहन किया जाता था। लेकिन उत्खनन के बाद अब ट्रैक्टर से परिवहन किया जाता है। महानदी के तट पर हर दिन सैकड़ों ट्रेक्टर रेत निकालते नजर आते हैं।

प्रतिदिन बेखौफ उत्खनन-

शिविरनारायण में रेत घाट अभी तक मंजूर नहीं हुआ है। महानदी के भोगहापारा घाट का ठेका एक साल से अधिक समय से खत्म हो गया है। बावजूद इसके, यहां हर दिन बेखौफ उत्खनन होता है। हालाँकि, सुबह से देर रात तक सैकड़ों ट्रिप रेत का उत्खनन और अवैध परिवहन होता है। यहां के रेत घाट से प्रतिदिन पांच सौ से अधिक ट्रैक्टरों द्वारा पांच सौ ट्रिप से अधिक रेत का अवैध उत्खनन होता है। यही कारण है कि महानदी अब बेजान दिखने लगी है।

अधिकारी उदासीन –

अवैध उत्खनन के बाद माफिया मनमानी कीमतों पर रेत बेचकर लाखो रुपये कमाई कर रहे हैं। रात भर रेत से भरे ट्रैक्टर शहर की सड़कों पर चलते रहें। जिससे ट्रैक्टरों से पानी के साथ रेत भी बहकर सड़क पर गिरती है। दैनिक रूप से सड़क पर रेत के कारण दुर्घटनाएं भी होती हैं, लेकिन विभाग के प्रमुख अधिकारी कुछ भी करने में असमर्थ हैं। अधिकारियों की उदासीनता के कारण रेत माफिया प्रशासन के नाक के नीचे अवैध काम कर रहे हैं।

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