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राज्य सरकार ने लिया फैसला,चार धाम की तर्ज पर विकसित होंगे छत्तीसगढ़ के पांच शक्तिपीठ-

राज्य सरकार ने लिया फैसला,चार धाम की तर्ज पर विकसित होंगे छत्तीसगढ़ के पांच शक्तिपीठ-

राज्य सरकार ने राज्य के पांच शक्तिपीठों को चार धाम की तर्ज पर बनाने का फैसला किया है। इनमें कुदरगढ़ (सूरजपुर), सक्ती (सक्ती) का चंद्रहासिनी चंद्रपुर, बिलासपुर (बिलासपुर) का महामाया रतनपुर, दंतेवाड़ा (दंतेवाड़ा) का दंतेश्वरी मंदिर और राजनांदगांव (डोंगरगढ़) का मां बमलेश्वरी मंदिर शामिल हैं।

राज्य सरकार ने पर्यटन को एक उद्योग का दर्जा देकर प्रदेश में पर्यटन की वृद्धि की है। अब पर्यटन क्षेत्र में स्थायी पूंजी निवेश करने पर उद्यमियों को सामान्य उद्योगों की तरह छूट और रियायतें मिलेंगी। पिछले वर्ष प्रदेश में 20 हजार से अधिक लोगों को अयोध्या धाम की निःशुल्क यात्रा कराई गई है।

श्रीराम लला अयोध्या धाम दर्शन योजना में श्रद्धालुओं को काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या धाम निःशुल्क जाना होगा। वहीं, डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर का विकास प्रसादी कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।

वेलनेस टूरिज्म सेंध लेक में बनेगा-

नवा रायपुर के सेंध लेक में एक वेलनेस टूरिज्म बनाया जाएगा। यहां सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। साथ ही, माना तूता में 95.79 करोड़ रुपये की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनाया जाएगा।

ये स्थान विश्व धरोहर सूची में शामिल होंगे-

सिरपुर के बौद्ध स्थलों, राजिम का त्रिवेणी संगम और डोंगरगढ़ का बम्लेश्वरी मंदिर भी ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। प्रदेश की संपत्ति सिरपुर, मल्हार और बारसुर के प्राचीन मंदिरों से दिखाई देती है। राज्य सरकार इन स्थानों को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने की कोशिश कर रही है।

महाकाल की तरह बनाया जाएगा भोरमदेव मंदिर-

कवर्धा के भोरमदेव मंदिर में उज्जैन के महाकाल की तरह अधिक सुविधाएं बनाई जाएंगी। यहां ठहरने और आवागमन की सुविधाएं होंगी। यहां केमिकल ट्रीटमेंट रूफिंग का काम चल रहा है। मंदिर के आसपास सोलर लाइट्स, सीसीटीवी कैमरे और वीआइपी गेस्ट रूम बनाए जाएंगे।

 

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