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अचानकमार और उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व पर वन्यजीव बोर्ड की बैठक 20 जनवरी को

छत्तीसगढ़ के अचानकमार और उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के 55 गांवों को शिफ्ट करने और बाघ संरक्षण पर चर्चा के लिए 20 जनवरी को वन्यजीव बोर्ड की बैठक होगी।

रायपुर।छत्तीसगढ़ के अचानकमार और उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के 55 गांवों को शिफ्ट करने और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए 20 जनवरी को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में वन्यजीव बोर्ड की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में सुविधाओं के विस्तार और बाघ संरक्षण से संबंधित कई प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

मुख्य प्रस्ताव और विवाद

1. सुविधाओं के विस्तार पर विरोध:

  • टाइगर रिजर्व के कोर और बफर जोन के गांवों में मोबाइल टॉवर, पाइपलाइन, और बिजली लाइन जैसी सुविधाओं का प्रस्ताव शामिल है।
  • वन्यजीव प्रेमियों का तर्क है कि विस्थापित किए जाने वाले गांवों में सुविधाएं देने से ग्रामीण वहां से हटने के बजाय टिके रहेंगे, जिससे टाइगर रिजर्व के उद्देश्यों पर असर पड़ेगा।

2. विस्थापन प्रक्रिया की धीमी प्रगति:

  • अचानकमार टाइगर रिजर्व में 19 गांवों को शिफ्ट करना था, लेकिन अब तक केवल 6 गांव ही स्थानांतरित किए गए हैं।
  • उदंती-सीतानदी रिजर्व में 34 गांवों को हटाने की योजना थी, जिसमें से 15 गांवों ने 2017 में सहमति दी, लेकिन अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

3. रीइंट्रोडक्शन और ट्रांसलोकेशन के प्रस्ताव:

  • उदंती-सीतानदी रिजर्व: क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए एक नर और दो मादा बाघ पुनः लाने की योजना है।
  • गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व: यहां तीन मादा बाघों को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाने का प्रस्ताव है, जिससे बाघों की संख्या में वृद्धि हो सके।

वन्यजीव प्रेमियों का सुझाव

  • वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि छत्तीसगढ़ सरकार को मध्यप्रदेश की नीतियों का अनुसरण करना चाहिए।
  • मध्यप्रदेश ने विस्थापन के लिए स्थानीय ग्रामीणों को प्रेरित करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाई थी, जिससे राज्य टाइगर स्टेट के रूप में उभरा।

बैठक के मुख्य एजेंडे

  1. अचानकमार टाइगर रिजर्व:
    • कोर और बफर जोन के 8 गांवों में मोबाइल टॉवर लगाना।
  2. उदंती-सीतानदी रिजर्व:
    • अरसी कन्हार में पाइपलाइन बिछाकर पानी की व्यवस्था।
    • देवभोग के अंतिम गांव कोदोमाली में 11 केवी बिजली लाइन बिछाना।
  3. बाघों की रीइंट्रोडक्शन योजना:
    • उदंती-सीतानदी और गुरु घासीदास रिजर्व में बाघों को पुनः लाने के प्रस्ताव।

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