बाघ का आतंक: टेमरी में मवेशियों पर हमले से ग्रामीण दहशत में
टेमरी क्षेत्र में बाघ के लगातार दिखने से ग्रामीण दहशत में हैं। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी सुरक्षा कदम उठा रहे हैं, लेकिन बाघ के हमले बढ़ने से लोग चिंतित हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
टेमरी, छत्तीसगढ़: ग्रामीण इलाकों में बाघ के लगातार दिखने और मवेशियों पर हमले की घटनाओं ने लोगों में दहशत फैला दी है। ग्रामीणों के मुताबिक, बाघ वन विभाग के कक्ष क्रमांक 427, 428 और 429 में डेरा डाले हुए है। इस वजह से स्थानीय निवासियों में सुरक्षा को लेकर डर का माहौल है। कई ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी और सुरक्षा उपायों की मांग की है।
बाघ के हाव-भाव पर वन विभाग की निगरानी
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के एसडीओ, अखिलेश मिश्रा ने जानकारी दी कि बाघ ने अब तक दो मवेशियों का शिकार किया है। उन्होंने बताया कि 18 अक्टूबर से बाघ की गतिविधियां इस क्षेत्र में देखी जा रही हैं। मिश्रा ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और रात के समय घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। वन विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू किया है और बाघ की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
ग्रामीणों की चिंता और विभागीय कदम पर सवाल
ग्रामीण शिव मोहन ने वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अधिकारी ठोस कदम उठाने में देरी कर रहे हैं, जिससे बाघ का लगातार हमला उनकी जान-माल के लिए खतरा बनता जा रहा है। कई ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि बाघ को जल्द से जल्द इस क्षेत्र से हटाने की कोशिश की जाए ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।