छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 72 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, जानें वजह –

India रेलवे: 72 ट्रेनें रद्द, 4.32 लाख  टिकट कैंसिल, 29 करोड़ रुपये का नुकसान रेलवे

रेलवे ने छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 72 ट्रेनों को रद करने और 20 ट्रेनों को बदले हुए मार्ग पर चलाने के निर्णय से लगभग चार लाख 32 हजार टिकट रद हो गए हैं। रेलवे को इससे लगभग 28 करोड़ 86 लाख रुपए वापस देना होगा। 7 अगस्त से 20 अगस्त तक ट्रेनों के पहिए थमने से लाखों लोगों को यात्रा रद्द करनी पड़ी है।

रेल यात्रियों की समस्या खत्म नहीं हो रही है। झारखंड में हुए रेल दुर्घटना के बाद, रेलवे ने चार से 20 अगस्त तक 72 एक्सप्रेस और मेमू ट्रेनों को रद कर दिया है. इसके अलावा, राजनांदगाव-कलमना रेलवे खंड में तीसरी रेलवे लाइन को कलमना रेलवे स्टेशन से जोड़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्री-नान-इंटरलॉकिंग का काम चलाया जा रहा है।

रक्षाबंधन त्योहार पर घर जाने की तैयारी कर चुके यात्रियों को रेलवे के इस फैसले से अधिक समस्या हुई है। बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के बंद होने से सबसे अधिक असर होगा। वहीं मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और आसपास के राज्यों में जाने वाले लोगों को परेशानी होगी। राजनांदगांव-नागपुर तीसरी रेल लाइन परियोजना का निर्माण 228 किलोमीटर (3540 करोड़ रुपये) किया जा रहा है।

लगातार ट्रेनें रद हो चुकी हैं –

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रेनों का रद होना लंबे समय से जारी है। पिछले तीन महीने से रायपुर से गुजरने वाली ट्रेनों को अधोसंरचना का काम कराने के नाम पर कभी दूसरी तो कभी तीसरी लाइन को जोड़ने के बहाने लगातार रद कर दिया गया है। इस बार 72 ट्रेनों (416 फेरे) को रद करने से पांच लाख से अधिक यात्रियों को परेशानी होगी।

अब कंफर्म टिकट रिफंड करने के लिए भागना होगा। रायपुर से गुजरने वाली हर ट्रेन पहले से ही भरी हुई है। ऐसे में यात्रियों के पास लंबी दूरी की ट्रेनों के रद होने के बाद कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उन्हें बस, विमान या निजी कार से जाना होगा अगर उन्हें यात्रा करनी है। जाने-आने में असुविधा होगी और अधिक खर्च होगा।

करना पड़ेगा 28.86 करोड़ रुपए का रिफंड
रेलवे ने करीब चार लाख 32 हजार टिकटें रद कर दी हैं, जिसके परिणामस्वरूप  72 ट्रेनों को रद कर दिया गया, पांच को रास्ते में समाप्त कर दिया गया और 20 ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया है। रेलवे को इससे लगभग 28 करोड़ 86 लाख रुपए वापस देना होगा। सात अगस्त से 20 अगस्त तक ट्रेनों के पहिए थमने से लाखों लोगों को अपना प्रस्थान रद्द करना पड़ा है। यह केवल आरक्षित टिकट वालों की सूची है।

 

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