बस्तर के 26 गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार का ऐतिहासिक कदम
बस्तर संभाग के 26 संवेदनशील नक्सल प्रभावित गांवों में पहली बार गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों से सुरक्षा कैंप और विकास कार्य हुए साकार।
जगदलपुर। बस्तर संभाग के लिए 26 जनवरी 2025 का गणतंत्र दिवस इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के ठोस प्रयासों का परिणाम है कि 26 संवेदनशील नक्सल प्रभावित गांवों में पहली बार तिरंगा शान से फहराया गया। यह उपलब्धि राज्य की दृढ़ इच्छाशक्ति और सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों का प्रतीक है।
नवीन सुरक्षा कैंप: विकास और सुरक्षा का केंद्र
पिछले एक साल में बस्तर के आंतरिक और सुदूर क्षेत्रों में 26 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। ये सुरक्षा कैंप न केवल नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में सहायक हो रहे हैं, बल्कि इन इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य भी कर रहे हैं।
इन गांवों में पहली बार फहराया तिरंगा
- बीजापुर जिला: गुंडम, फुटकेल, छुटवाही, कोंडापल्ली, जिडपल्ली, वाटेवागु, करेंगट्टा, पीड़िया।
- नारायणपुर जिला: कस्तुरमेटा, मसपुर, ईरकभट्टी, मोहंदी, होरादी, गारपा, कच्चापाल, कोड़लियार।
- सुकमा जिला: टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, लखापाल, पूलनपाड़, तुमालपाड़, रायगुडेम, गोलाकुंडा, गोमगुड़ा, मेंट्टागुड़ा।
- कांकेर जिला: पानीडोबीर।
ग्रामीणों को समझाया गणतंत्र दिवस का महत्व
सुरक्षा बलों ने इन गांवों में न केवल तिरंगा फहराया, बल्कि गणतंत्र दिवस के महत्व पर ग्रामीणों को जागरूक किया। बच्चों को चॉकलेट और मिठाइयां बांटी गईं, जिससे पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल बना।
सरकार की इच्छाशक्ति से मुमकिन हुआ बदलाव
यह ऐतिहासिक पहल राज्य सरकार की दृढ़ नीतियों और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के प्रति गंभीरता का प्रमाण है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि “सरकार का उद्देश्य हर गांव को नक्सल मुक्त बनाना और हर नागरिक तक विकास की रोशनी पहुंचाना है।”
बस्तर में विकास का नया युग
नवीन सुरक्षा कैंप अब विकास के केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं। इन इलाकों में सड़क निर्माण, बिजली, पानी, और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं जल्द ही पहुंचाई जाएंगी।