केंद्रीय विश्वविद्यालय में बिना अनुमति मंदिर निर्माण का मामला गरमाया, छात्रों और संगठनों में बढ़ा आक्रोश
केंद्रीय विश्वविद्यालय में बिना अनुमति मंदिर निर्माण का मामला गरमाया, छात्रों और संगठनों में बढ़ा आक्रोश

BILASHPUR – बिलासपुर स्थित एक प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला विश्वविद्यालय परिसर में बिना प्रशासनिक अनुमति के मंदिर निर्माण से जुड़ा है। जैसे ही निर्माण की जानकारी कुछ छात्र संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को हुई, पूरे परिसर में माहौल गर्मा गया।
जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय के अंदर एक धार्मिक ढांचे का निर्माण गुपचुप तरीके से किया जा रहा था, जिसके लिए ना तो प्रशासन से पूर्व स्वीकृति ली गई थी और ना ही छात्रों या फैकल्टी को इसकी जानकारी थी। इस घटना को लेकर कुछ छात्र संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शैक्षणिक परिसरों को धार्मिक राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए और ऐसी गतिविधियाँ, जिनसे छात्रों के बीच विभाजन या असहमति उत्पन्न हो, वे अनुचित हैं।
इस मामले को लेकर एक सामाजिक संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निर्माण कार्य को रोका नहीं गया और उचित जांच नहीं हुई, तो वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका तर्क है कि विश्वविद्यालय का परिसर केवल शिक्षा, अनुसंधान और छात्र विकास के लिए है, न कि किसी भी धर्म विशेष को बढ़ावा देने के लिए।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय पहले भी धार्मिक गतिविधियों को लेकर चर्चा में रह चुका है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है। छात्रों का एक वर्ग यह भी मांग कर रहा है कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता लाई जाए और परिसर में किसी भी प्रकार की धार्मिक संरचना या आयोजन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए जाएं।
फिलहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन परिसर में बढ़ते तनाव को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।