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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने रियाद सम्मेलन में भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति को किया प्रस्तुत, सऊदी अरब के वित्त मंत्री से की द्विपक्षीय वार्ता

महराजगंज: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सऊदी अरब के रियाद में आयोजित तीसरे जकात, कर और सीमा शुल्क सम्मेलन 2024 में भारत का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया। इस सम्मेलन में “सतत पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कल का निर्माण” विषय पर चर्चा की गई, जिसमें उन्होंने वैश्विक नेताओं के सामने भारत की रणनीतियों और आर्थिक दृष्टिकोण को मजबूती से प्रस्तुत किया।

पंकज चौधरी ने सम्मेलन में कहा कि भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है और आज वह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर एवं सीमा शुल्क क्षेत्र में वैश्विक सहयोग न केवल आर्थिक विकास को गति देता है, बल्कि समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने में भी सहायक है। उन्होंने सम्मेलन में भारत की नवाचारपूर्ण नीतियों और सतत विकास के मॉडल को प्रमुखता से रखा, जिससे भारत को एक प्रेरणास्रोत के रूप में देखा गया।

सम्मेलन में भारत की भूमिका:

  1. वैश्विक आर्थिक सहयोग पर जोर: पंकज चौधरी ने बताया कि भारत के डिजिटल और कर सुधारों ने न केवल घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, बल्कि अन्य देशों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
  2. सतत विकास की पहल: चौधरी ने यह भी साझा किया कि भारत किस तरह से ग्रीन टेक्नोलॉजी, सतत व्यापार और स्मार्ट कर प्रणाली के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रहा है।

द्विपक्षीय बैठक की मुख्य बातें:

अपने दौरे के दौरान, चौधरी ने सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जदान के साथ एक द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर विशेष चर्चा की गई।

  • आर्थिक सहयोग: व्यापार और निवेश बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया गया।
  • सीमा शुल्क और कर सुधार: दोनों देशों ने इन क्षेत्रों में नवाचार और तकनीकी सहयोग पर सहमति व्यक्त की।
  • सतत विकास: चौधरी ने भारत और सऊदी अरब के बीच हरित ऊर्जा और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में साझेदारी बढ़ाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

अंतर-मंत्रालयी पैनल में भागीदारी:

पंकज चौधरी ने सऊदी अरब, कतर और इंडोनेशिया के वित्त मंत्रियों के साथ एक विशेष पैनल चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा का विषय था “वैश्विक चुनौतियों के बीच आर्थिक पुनर्निर्माण और विकास”

  • उन्होंने वैश्विक चुनौतियों, जैसे आर्थिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन, और वित्तीय असमानता पर भारत के प्रयासों को प्रस्तुत किया।
  • चौधरी ने भारत के डिजिटल इंडिया अभियान और स्मार्ट कर प्रणालियों के योगदान को रेखांकित किया।

भारत के लिए सकारात्मक परिणाम:

इस सम्मेलन और बैठक के दौरान, पंकज चौधरी की भागीदारी ने वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और सुदृढ़ किया। उनकी बातों से यह स्पष्ट हुआ कि भारत, आर्थिक और कर क्षेत्र में नवाचार के साथ-साथ सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि भारत की आत्मनिर्भर भारत योजना, डिजिटल लेन-देन, और ग्रीन एनर्जी मॉडल को विश्वभर में सराहा जा रहा है।

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