मनेंद्रगढ़, छत्तीसगढ़। एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें तहसीलदार और उनके बाबू पर जुर्माने के नाम पर 15 हजार रुपए के साथ शराब और मुर्गा मांगने का आरोप लगाया गया है। यह मामला केल्हारी इलाके का है, जहां एक ग्रामीण ने अपनी जमीन अतिक्रमण के विवाद में कलेक्टर से शिकायत करते हुए इस भ्रष्टाचार का खुलासा किया है।
ग्रामीण का आरोप
पीड़ित ग्रामीण रंजीत सिंह ने कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में बताया कि तहसीलदार करमचंद जाटवर और उनके सहायक रंजीत बाबू ने जुर्माने के नाम पर न सिर्फ 15 हजार रुपए लिए, बल्कि 1 बोतल शराब और 2 किलो मुर्गा की भी मांग की। इसके बदले उन्होंने मात्र 1000 रुपए की जुर्माने की रसीद थमा दी।
पीड़ित की आपबीती
रंजीत सिंह का कहना है कि वह 2000 से उस जमीन पर काबिज है। लेकिन रीवा, मध्य प्रदेश निवासी रमेश शर्मा ने उस जमीन पर कब्जा जमाने के इरादे से विवाद खड़ा कर दिया। इस विवाद के समाधान के नाम पर तहसीलदार और बाबू ने उनसे अवैध मांगें कीं। ग्रामीण ने कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए इस मामले में न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
पूर्व विधायक गुलाब कमरों का कटाक्ष
भरतपुर-सोनहत के पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने इस घटना पर कटाक्ष करते हुए इसे “कुशासन का उदाहरण” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “काल्पनिक सीएम दीदी रेणुका सिंह के क्षेत्र में तहसीलदार और बाबू जुर्माने के नाम पर खुलेआम पैसे, शराब और मुर्गा मांग रहे हैं। यह सुशासन नहीं, कुशासन का प्रतीक है।”
कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने पूर्व विधायक की पोस्ट पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “सरकार किसानों की समस्याओं को सुलझाने में विफल रही है। शराब बिक्री के लिए ऐप बना रही है, लेकिन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही।”
क्या होगा न्याय?
यह मामला सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार और आम जनता की समस्याओं की अनदेखी का एक और उदाहरण बनकर सामने आया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित को न्याय मिलता है या नहीं।