छत्तीसगढ़

रायपुर नगर निगम की अनूठी पहल: 10 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा प्लास्टिक कचरा, खुलेंगे 8 विक्रय केंद्र

रायपुर नगर निगम की अनूठी पहल: 10 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा प्लास्टिक कचरा, खुलेंगे 8 विक्रय केंद्र

रायपुर, छत्तीसगढ़: राजधानी रायपुर में प्लास्टिक कचरे के प्रभावी प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रायपुर नगर निगम ने एक अभिनव और महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। निगम अब आम नागरिकों से 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्लास्टिक कचरा खरीदेगा। इस पहल का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने से रोकना, उसके उचित संग्रहण को बढ़ावा देना और प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण को सुनिश्चित करना है।

अभियान का लक्ष्य और अब तक की उपलब्धि: इस योजना के तहत, निगम ने अब तक लगभग 1 लाख रुपये के प्लास्टिक कचरे की खरीद की है, जिसके माध्यम से कुल 3600 किलोग्राम प्लास्टिक का संग्रहण किया गया है। यह आंकड़ा शहर में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन में एक बड़ी सफलता को दर्शाता है।

10 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद की प्रक्रिया: नागरिकों से प्लास्टिक कचरा खरीदने के लिए शहर में कुल 8 विक्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहाँ सूखे और स्वच्छ प्लास्टिक कचरे को 10 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा। यह पहल “स्वच्छता सरकार हमारा संकल्प” के नारे के तहत की जा रही है, जो स्वच्छ भारत अभियान और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के उद्देश्यों के अनुरूप है।

कहाँ बेच सकते हैं अपना प्लास्टिक कचरा (प्रस्तावित 8 विक्रय केंद्र): निगम ने प्लास्टिक कचरा जमा करने के लिए आठ मुख्य ट्रांसफर स्टेशनों की पहचान की है, जहाँ नागरिक अपना सूखा और साफ प्लास्टिक कचरा बेच सकते हैं:

  1. कबीर नगर जोन 2 बेस्ट प्राइस के पास ट्रांसफर स्टेशन
  2. राजकुमार कॉलेज अग्रसेन चौक के सामने कचरा प्रबंधन के लिए ट्रांसफर स्टेशन
  3. पुरानी बस्ती थाना के पास ट्रांसफर स्टेशन
  4. टीकरापारा पानी टंकी के पास ट्रांसफर स्टेशन
  5. सेजबहार पुलिस थाना के पास
  6. कल्याण निवास शंकर नगर के पीछे स्थित ट्रांसफर स्टेशन
  7. पुलिस लाइन पंडरीतराई ओवरहेड के पास
  8. बिरगाँव फाटक के पास स्थित ट्रांसफर स्टेशन

योजना के लाभ और उद्देश्य: इस योजना से शहर में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। यह नागरिकों को अपने घरों और दुकानों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे को जिम्मेदारी से अलग करने और उसे सही जगह पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके अतिरिक्त, यह स्वच्छ भारत अभियान को एक नई गति देगा और पर्यावरण संरक्षण में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेगा। निगम का मानना है कि यह पहल न केवल कचरा प्रबंधन में सुधार करेगी, बल्कि शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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