यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर साधा निशाना, कहा- ‘रामलला के दर्शन तो हो जाते हैं, फाइलों के नहीं’
यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर साधा निशाना, कहा- 'रामलला के दर्शन तो हो जाते हैं, फाइलों के नहीं'

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर तंज कसते हुए सरकारी अधिकारियों की लालफीताशाही पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने यह बयान अयोध्या में आयोजित एक सीएसआर कॉन्क्लेव (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी सम्मेलन) के दौरान दिया, जिसने राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा, “रामलला के दर्शन तो आसानी से हो जाते हैं, लेकिन फाइलों के नहीं।” उनके इस बयान ने सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार और लेटलतीफी की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि सरकारी योजनाओं और प्रोजेक्ट्स की मंजूरी के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं, और फाइलें एक मेज से दूसरी मेज पर महीनों तक भटकती रहती हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे संवैधानिक प्रमुख होने के साथ-साथ राज्य सरकार के संरक्षक की भूमिका में भी हैं। उनके इस बयान को सरकार के लिए एक तरह की नसीहत माना जा रहा है, ताकि प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार लाया जा सके। इस टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि राज्यपाल भी सरकारी कामकाज में हो रही देरी और अधिकारियों की उदासीनता से असंतुष्ट हैं। उनके इस बयान के बाद सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है, और उम्मीद की जा रही है कि इस पर जल्द ही कोई कार्रवाई की जाएगी।