जल जीवन मिशन की अनियमितताओं पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं को लेकर सदन में तीखी बहस हुई। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने योजना के क्रियान्वयन में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जल स्त्रोत की व्यवस्था सुनिश्चित किए बिना 994 पानी की टंकियों का निर्माण कर दिया गया, जो भारत सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन है।
चंद्राकर ने धमतरी जिले के कुछ गांवों का उदाहरण देते हुए कहा कि कई ग्रामीण अभी भी नल कनेक्शन से वंचित हैं। उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों पर सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा।
इस पर पीएचई मंत्री अरुण साव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण योजना के कार्यान्वयन में देरी हुई। उन्होंने दावा किया कि अब तक 39 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। मंत्री ने कहा कि जल स्त्रोत की व्यवस्था पहले सुनिश्चित करना योजना का हिस्सा है, लेकिन परिस्थितियों के कारण इसमें विलंब हुआ।
अजय चंद्राकर ने मंत्री के जवाब पर असहमति जताते हुए कहा कि सरकार के दावे और भारत सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों में भारी अंतर है। उन्होंने सरकार से स्पष्ट गाइडलाइंस प्रस्तुत करने की मांग की और कहा कि योजना को लागू करने में पारदर्शिता की कमी है।
मंत्री अरुण साव ने पुनः स्पष्ट किया कि जल स्त्रोत की व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद ही संरचना का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने योजना की प्रक्रिया को सही ठहराते हुए कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का प्रयास कर रही है।