रेलवे की नई पहल: वंदे भारत स्लीपर में मिलेंगी होटल जैसी लग्जरी सुविधाएं, दिव्यांगों के लिए विशेष बर्थ
रेलवे ने रविवार को वंदे भारत स्लीपर कोच की तस्वीर जारी कर इसके निर्माण कार्य के पूरा होने की जानकारी दी।
रायपुर: देश की सेमी-हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन में अब जल्द ही यात्रियों को लग्जरी स्लीपर कोच की सुविधा मिलेगी। रेलवे ने रविवार को वंदे भारत स्लीपर कोच की तस्वीरें साझा कीं और इसके निर्माण कार्य के पूरा होने की जानकारी दी। कुछ दिनों में यह ट्रेन बेंगलुरु के बीईएमएल कारखाने से निकलेगी, और निरीक्षण के बाद इसे यात्री परिचालन में लाने में करीब तीन महीने लग सकते हैं।
ट्रेन की विशेषताएँ और सुविधाएं
रेलवे ने इस ट्रेन में आधुनिक सुविधाएं जोड़ी हैं, जो देश की अन्य ट्रेनों में नहीं मिलेंगी। फर्स्ट एसी कोच में पहली बार यात्रियों को नहाने के लिए गर्म पानी की सुविधा मिलेगी। सोने के लिए स्लीपर सीटें अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में बड़ी और अधिक आरामदायक होंगी। ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी, लेकिन यात्रियों को इसके भीतर चलने का अहसास नहीं होगा, क्योंकि कोच का इंटीरियर डिज़ाइन होटल की तरह लग्जरी है।
लंबी दूरी के रूट पर परिचालन
स्लीपर वंदे भारत का परिचालन लंबी दूरी के लिए किया जाएगा, जिसमें मुंबई से हावड़ा के बीच का रूट शामिल है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी आता है। ट्रेन का ट्रायल जल्द ही शुरू होगा, और उसके बाद इसे देश के विभिन्न रेल मार्गों पर संचालित किया जाएगा। रेलवे का दावा है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन आराम, सुरक्षा और दक्षता के मामले में नए मानक स्थापित करेगी।
दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं
वंदे भारत स्लीपर कोच में दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष बर्थ और शौचालय की व्यवस्था की गई है। रेलवे ने यह ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से तैयार की है। इसके अलावा, लोको पायलट और अटेंडेंट्स की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है। ट्रेन में टक्कर रोधी कवच प्रणाली भी लगाई गई है, जिससे यात्रा और भी सुरक्षित हो जाएगी।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की मुख्य विशेषताएँ:
- रीडिंग लैम्प्स, चार्जिंग आउटलेट्स, स्नैक टेबल्स और मोबाइल/मैगजीन होल्डर।
- सुरक्षा के लिए सभी कोच में कवच प्रणाली।
- स्टेनलेस स्टील से बने कोच।
- बड़े लगेज रूम और क्रैश के दौरान सुरक्षा के उपाय।
- 11 थर्ड एसी कोच में 611 बर्थ, 4 सेकंड एसी कोच में 188 बर्थ, और एक फर्स्ट एसी कोच में 24 बर्थ। कुल 823 बर्थ।