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वॉरेन बफेट का कोका-कोला में दशकों पुराना निवेश: हर दिन करोड़ों की कमाई और दीर्घकालिक निवेश का मंत्र

वॉरेन बफेट का कोका-कोला में दशकों पुराना निवेश: हर दिन करोड़ों की कमाई और दीर्घकालिक निवेश का मंत्र

 

मुंबई, 21 जुलाई 2025: निवेश जगत के दिग्गज और बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) के सीईओ वॉरेन बफेट का कोका-कोला कंपनी में किया गया दीर्घकालिक निवेश आज भी दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक मिसाल बना हुआ है। लगभग चार दशक पहले किया गया यह निवेश, अब बफेट की कंपनी को हर दिन करोड़ों रुपये का लाभांश (डिविडेंड) दे रहा है, जो उनकी ‘मूल्य निवेश’ (Value Investing) की रणनीति और धैर्य का प्रमाण है।

कोका-कोला: बफेट के पोर्टफोलियो का आधार वॉरेन बफेट ने साल 1987-88 के बाद कोका-कोला के शेयर खरीदने शुरू किए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने तब ही इस कंपनी में आने वाले सालों में जबरदस्त वृद्धि का अनुमान लगा लिया था। उन्हें कोका-कोला के मजबूत ब्रांड और वैश्विक पहचान पर पूरा भरोसा था। अपनी निवेश यात्रा के दौरान, बफेट ने कभी भी कोका-कोला का एक भी शेयर नहीं बेचा है, भले ही बाजार में उतार-चढ़ाव आए हों। आज, कोका-कोला में उनकी होल्डिंग्स का मूल्य 25 बिलियन डॉलर से अधिक है।

अभूतपूर्व लाभांश आय: कोका-कोला अपने लगातार लाभांश वृद्धि के लिए जानी जाती है, जिसने इसे ‘लाभांश किंग’ का दर्जा दिलाया है। कंपनी ने लगातार 63 वर्षों तक अपने लाभांश में वृद्धि की है, जो मूल्य-केंद्रित निवेशकों के लिए इसे बेहद आकर्षक बनाता है। बर्कशायर हैथवे के पास कोका-कोला के 400 मिलियन (40 करोड़) से अधिक शेयर हैं, जिससे कंपनी को हर दिन लगभग 2.23 मिलियन डॉलर (लगभग 18 करोड़ रुपये) केवल लाभांश से आय होती है। यह आंकड़ा बफेट के दीर्घकालिक निवेश से होने वाले असाधारण लाभ को दर्शाता है।

2025 में आय वृद्धि की उम्मीद: विश्लेषकों का अनुमान है कि 2025 में कोका-कोला की प्रति शेयर आय (EPS) में 4.2% की ठोस वृद्धि होगी। कंपनी को 24 में से 18 विश्लेषकों ने ‘खरीदें’ रेटिंग दी है, जबकि 6 ने ‘होल्ड’ की सलाह दी है, कोई भी ‘बेचें’ की सलाह नहीं देता। बाजार की आम सहमति 73.55 डॉलर का औसत मूल्य लक्ष्य देती है। यह सब कोका-कोला के भविष्य की संभावनाओं के प्रति बाजार के सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

दीर्घकालिक निवेश का महत्व: वॉरेन बफेट का कोका-कोला में निवेश उनकी निवेश रणनीति का एक प्रमुख उदाहरण है, जो “सरल निर्णय, दीर्घकालिक निवेश और चक्रवृद्धि प्रभाव” के सिद्धांत पर आधारित है। बफेट का मानना है कि स्टॉक मार्केट में निवेश न करना सबसे बड़ी वित्तीय गलतियों में से एक है, क्योंकि लंबी अवधि में शेयर बाजार ने लगातार अन्य प्रकार के निवेशों जैसे बचत खाते या बांड से बेहतर प्रदर्शन किया है। उनका उदाहरण यह भी सिखाता है कि अस्थिर बाजारों में गिरावट के दौरान खरीदारी के अवसर तलाशना कितना फायदेमंद हो सकता है।

वॉरेन बफेट का यह निवेश केवल वित्तीय लाभ का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक दर्शन भी है जो निवेशकों को धैर्य, मजबूत ब्रांडों में विश्वास और चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है।

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