नई दिल्ली – दिल्ली में विधानसभा चुनाव जल्द कराने की योजना को लेकर विभिन्न बाधाएं सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा को भंग करने की मंशा नहीं जताई है, लेकिन उनकी सरकार जल्द ही नए मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया में जुटी है।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है और साथ ही उन्होंने दिल्ली में महाराष्ट्र के साथ विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। हालांकि, उन्होंने अभी तक दिल्ली विधानसभा को भंग नहीं किया है। केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के साथ कहा कि वह और मनीष सिसोदिया जनता के बीच जाकर अपनी ईमानदारी का प्रमाण पत्र मांगेंगे।
दिल्ली में चुनाव कब हो सकते हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में जल्दी चुनाव कराने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) को चुनाव आयोग को ठोस कारण प्रस्तुत करने होंगे। चुनाव आयोग के पास अंतिम निर्णय का अधिकार होता है। वर्तमान में, दिल्ली विधानसभा का मौजूदा सत्र 23 फरवरी 2024 को समाप्त हो रहा है, और इसके बाद चुनाव संभावित रूप से आयोजित किए जा सकते हैं। दूसरी ओर, महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है।
संविधान के अनुसार, चुनाव आयोग दिल्ली में महाराष्ट्र के साथ चुनाव करा सकता है, लेकिन पिछले चुनावों के शेड्यूल पर गौर करें तो चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा के चुनावों को किसी अन्य राज्य के चुनावों के साथ कभी नहीं जोड़ा है।
सारांश
अरविंद केजरीवाल की दिल्ली विधानसभा को भंग किए बिना चुनाव कराने की योजना को लेकर विभिन्न कानूनी और प्रावधान संबंधी बाधाएं हैं। चुनाव आयोग के पास अंतिम निर्णय का अधिकार है, और उसे AAP की दलीलों के आधार पर ठोस और उपयुक्त निर्णय लेना होगा। दिल्ली में चुनाव कब होंगे, यह स्पष्ट रूप से चुनाव आयोग की प्रक्रिया और फैसलों पर निर्भर करेगा।